हरीश रावत अपनी नैया भी पार नहीं लगा सके, 14 हजार से भी ज्यादा वोटों से मिली करारी हार

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देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम व वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें 14 हजार से भी ज्यादा वोटों से करारी हार मिली है। उत्तराखंड की वीआईपी सीट लालकुआं से भाजपा के प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट ने बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत 14 हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। कांग्रेस ने हरीश रावत को रामनगर विधानसभा सीट से हटाकर लालकुआं सीट पर उतार दिया था जिसके बाद से लालकुआं हॉट सीट बन गई थी।

माना जा रहा है कि लालकुआं सीट से कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ीं संध्या डालाकोटी के कारण कांग्रेस के वोट बैंक में खासी सेंध लगी, जिससे हरीश रावत को हार का मुंह देखना पड़ा। हरीश रावत की यह दूसरी बड़ी हार है। पिछले चुनाव में भी हरीश रावत को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा था। लालकुआं सीट से किस्मत आजमा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन उन्हें इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा इसका अंदाजा नहीं था।

लालकुआं सीट पर भाजपा ने वर्तमान विधायक नवीन दुम्का का टिकट काटकर नए चेहरे के रूप में मोहन सिंह बिष्ट को उतारा था। बिष्ट हल्दूचौड़ क्षेत्र के रहने वाले हैं। उन्होंने साल 2019 में निर्दलीय के तौर पर हरिपुर बच्ची जिला पंचायत क्षेत्र से चुनाव जीता था। यह चुनाव उन्होंने अपने बड़े भाई और बीजेपी प्रत्याशी इंदर सिंह बिष्ट के खिलाफ लड़ा था।2019 के पंचायत चुनाव के दौरान बीजेपी ने मोहन सिंह बिष्ट की जगह उनके भाई इंदर सिंह को जिला पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया था। इस पर मोहन बिष्ट ने बगावत कर दी थी और वह निर्दलीय मैदान में उतरे और जीत हासिल की थी। तब भाजपा ने मोहन बिष्ट पर पार्टी विरोधी काम करने के लिए कार्रवाई की थी और उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

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