न्यायिक प्रणाली में तकनीक का उपयोग पारदर्शिता सुनिश्चित कर सकता है: मुख्यमंत्री सुक्खू
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय सहित विभिन्न अदालतों के करीब 160 न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए कहा कि न्यायिक प्रणाली में प्रौद्योगिकी का उपयोग पारदर्शिता, उत्पादकता और दक्षता सुनिश्चित कर सकता है। यहां ‘समकालीन न्यायिक विकास और कानून और प्रौद्योगिकी के माध्यम से न्याय को मजबूत बनाने’ पर उत्तरी क्षेत्र-द्वितीय क्षेत्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए उन्होंने न्यायपालिका सहित हर क्षेत्र में आम लोगों के जीवन को आसान बनाने में प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने परिवर्तन लाने और न्याय प्रणाली को मजबूत करने में सहयोगी के रूप में प्रौद्योगिकी को देखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, आधुनिक तकनीक के शामिल होने से न्यायपालिका के कामकाज में तेजी आई है और कोविड-19 महामारी के दौरान वर्चुअल सुनवाई सभी के लिए वरदान साबित हुई है, जिससे लोगों के पैसे और समय दोनों की बचत हुई है।
उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ और आत्मविश्वासी समाज के साथ-साथ देश के विकास के लिए एक विश्वसनीय और त्वरित न्यायिक प्रणाली आवश्यक है और जब न्याय मिलता हुआ दिखाई देता है, तो संवैधानिक संस्थाओं में आम आदमी का विश्वास मजबूत होता है और कानून व्यवस्था में निरंतर सुधार संभव हो जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय में देरी देश के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और न्यायपालिका इस समस्या को हल करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है।