कार्तिक माह में शनिवार को कर लें ये काम, प्रसन्न होकर शनि देव कर देंगे मालामाल
माउंटेन वैली टुडे वेबडेस्क: कार्तिक माह का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस माह में पूजा-पाठ, उपाय आदि करने से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। 15 अक्टूबर को कार्तिक माह का पहला शनिवार है। और इस शनिवार को अगर खास विधि से शनि देव की पूजा की जाए, तो जातकों को शनि की महादशा, साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस माह में धनतेरस, दिवाली, नरक चतुर्दशी, देवउठनी एकादशी आदि होने के कारण इस माह का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. हिंदू पंचाग के अनुसार 15 अक्टूबर को शनिवार के दिन षष्ठी तिथि है। मृगशिरा नक्षत्र और चंद्रमा के वृषभ में गोचर करने से शनि देव को प्रसन्न करने का उत्तम संयोग बन रहा है. इसी माह में शनि देव वक्री से मार्गी हो रहे हैं।
बता दें कि शनि ग्रह 23 अक्टूबर को मार्गी हो रहे हैं । ऐसे में कार्तिक का पहला शनिवार काफी खास है। कार्तिक माह में क्यों है शनि पूजा का महत्व कार्तिक माह में भगवान विष्णु और मां तुलसी की पूजा का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस माह में भगवान विष्णु चार माह की निद्रा के बाद देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं। इसी माह में शालीग्राम और तुलसी का विवाह किया जाता है। इसलिए इस माह में दोनों की पूजा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। इस माह में किए गए पूजा पाठ से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। ब्रह्म पुराण में कहा गया है कि इस माह में भगवान विष्णु को जो भी सच्चे दिन से उपासना करता है, उसे भगवान की कृपा प्राप्त होती है. और उन लोगों पर शनि अपनी क्रूर दृष्टि नहीं डालते।
-ये राशि के जातक करें ये उपाय
फिलहाल ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 5 राशि के जातक शनि की क्रूर दृष्टि का सामना कर रहे हैं. इनमें दो राशि मिथुन और तुला राशि के जातक शनि की ढैय्या, 3 राशि धनु, मकर, कुंभ के जातक शनि की साढ़े साती की महादशा से गुजर रहे हैं। ऐसे में इस लोगों को कल के दिन ये खास उपाय राहत पहुंचा सकते हैं। शनिवार को करें ये उपाय इन राशियों के अलावा जिन राशियों पर शनि की महादशा, अंर्तदशा या कुंडली में कहीं शनि अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं, तो वे कार्तिक माह के प्रथम शनिवार को घर के पास शनि मंदिर में तिल का तेल चढ़ाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि के अशुभ फलों में कमी आती है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु की पूजा में तिल के तेल का विशेष महत्व है. वहीं, तिल का दान भी उत्तम माना गया है।