केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई पंचमुखी भोग मूर्ति

4
0 0
Read Time:3 Minute, 9 Second

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति आज विधिवत पूजा-अर्चना के बाद डोली यात्रा के रूप में अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई है। हर साल की तरह इस बार भी ग्रीष्मकाल के आगमन के साथ ही भगवान केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह मूर्ति को धाम ले जाया जा रहा है। यात्रा के दौरान डोली विभिन्न पड़ावों पर विश्राम करती है और श्रद्धालुओं को दर्शन का अवसर प्राप्त होता है। गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करते हुए डोली आगामी एक मई को धाम पहुंचेगी और 2 मई को सुबह 7 बजे भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट शुभ लग्न पर भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।

भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिगों में एक केदारनाथ धाम की निर्विध्न यात्रा के लिए पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान केदारनाथ के क्षेत्रपाल के रूप में पूजनीय भगवान भकुंड भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की गई। इस मौके पर सैकड़ों भक्तों ने दर्शन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया। रविवार को सांय 7 बजे से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के गर्भगृह में भगवान केदारनाथ और भगवान ओंकारेश्वर की शीतकालीन पूजा-अर्चना और आरती उतारी गई।

इसके उपरांत भगवान भैरवनाथ की पूजा-अर्चना शुरू हुई। धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए भगवान भैरवनाथ की मूर्ति को गंगाजल, दूध, शहद, तेल आदि से स्नान कराया गया। इसके बाद नये वस्त्र अर्पित कर फूल-मालाओं से भव्य श्रृंगार किया गया। साथ ही काली दाल की पकोड़ी और पूरी की माला बनाकर भेंट की गई। मंदिर के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी और ओमकार शुक्ला के मंत्रोच्चारण के बीच केदारनाथ के लिए नियुक्त पुजारी बागेश लिंग, पुजारी शिव शंकर लिंग, गंगाधर लिंग और शिव लिंग ने सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन करते हुए भगवान भैरवनाथ की एकमुखी, तीन मुखी, पांच मुखी और सात मुखी सहित अन्य आरतियां उतारी।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %
en_USEnglish