अमरीका और चीन में ट्रेड वॉर चरम पर, 125 फीसदी शुल्क पर बिलबिलाया चीन

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बीजिंग/वाशिंगटन: अमरीका और चीन में ट्रेड वॉर चरम पर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर कर बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया है। इसे लेकर अब चीन फिर से यूएसए को चेतावनी दे डाली है। चीन ने कहा कि वह टैरिफ युद्ध में आखिरी तक लड़ाई लड़ेगा। वह चुपचाप नहीं बैठेगा और न ही अमरीका द्वारा टैरिफ की लगातार धमकियों से डरेगा। बीजिंग ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अमरीकी टैरिफ ‘पूरी दुनिया के खिलाफ’ हैं और नियम-आधारित मल्टीलेटरल ट्रेडिंग सिस्टम को गंभीर रूप से नुकसान होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमरीकी मुद्दे को लोगों का समर्थन नहीं मिलेगा और यह असफल हो जाएगा। लिन ने कहा कि चीन चुपचाप नहीं बैठेगा और चीनी लोगों के वैध अधिकारों और हितों को वंचित नहीं होने देगा।

इस बीच, चीन के वाणिज्य मंत्रालय की प्रवक्ता हे योंगकियान ने बढ़ते व्यापार युद्ध में अमरीका से आधे रास्ते पर आने का आग्रह किया. साथ ही, अगर दोनों देशों में समझौता नहीं हो पाता है तो आखिर तक लडऩे का वादा किया। रिपोर्ट के मुताबिक, हे योंगकियान ने कहा कि बातचीत का दरवाजा खुला है, लेकिन यह पारस्परिक सम्मान पर आधारित होना चाहिए और समान तरीके से संचालित होना चाहिए।

भारत का स्मार्ट मूव, ट्रेड डील पटरी पर लाने की तैयारी

एक तरफ अमरीका ने चीन पर 125 फीसदी आयात शुल्क ठोंक कर ट्रेड वॉर की आग को फिर से हवा दी है, तो दूसरी ओर भारत 90 दिन की राहत के तहत को भुनाना चाहता है। राष्ट्रपति ट्रंप के इस बड़े फैसले के बाद अब भारत अमरीकी व्यापार समझौते को लेकर किसी भी तरह की देरी नहीं चाहता। अमरीका के भरोसेमंद साझेदार बनने का भारत इसे एक मौका मान रहा है। भारत और अमरीका इस साल के अंत तक पहले चरण के व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारत इस डील को जल्द से जल्द निपटाना चाहता है, ताकि 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार 500 अरब डॉलर तक पहुंच सके।

भारत उन पहले देशों में से है जिसने अमरीका के साथ बातचीत शुरू की और तय समयसीमा पर सहमति बनाई है। हालांकि वाणिज्य मंत्रालय की ओर से अभी इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पहले ही यह साफ किया जा चुका है कि भारत और अमरीका के उत्पादक सालों से चीन की अनुचित व्यापार नीतियों से प्रभावित होते रहे हैं।

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