हरिद्वार: कांवड़ मेले में इस बार होगा वॉटर एंबुलेंस का इस्तेमाल

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हरिद्वार: कांवड़ मेले में इस बार वॉटर एंबुलेंस का इस्तेमाल होगा, जिससे जाम में फंसे गंभीर रोगियों को गंगा नदी और गंग नहर के जरिए अस्पताल के नजदीक पहुंचाया जा सके। साथ ही मेले में आने वाले भक्तों के ऊपर हेलिकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीसीआर भवन में कांवड़ यात्रा की आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कांवड़ मेला शुरू होने से पहले सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं।सीएम ने दीर्घकालीन विकास की कार्य योजनाओं को कार्य संस्कृति में लाने के निर्देश दिए। मेले में अत्यधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरों से भी नियमित निगरानी रखी जाए। बाइपास और वैकल्पिक मार्गों की जानकारी साइन बोर्ड के माध्यम से कांवड़ यात्रियों को दी जाए। उन्होंने कांवड़ को सकुशल संपन्न कराने के लिए निरंतर पड़ोसी राज्यों से भी समन्वय स्थापित कर कार्य करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों को आवाजाही में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े, सड़कों पर यातायात प्रभावित न हो, यातायात प्रबंधन के लिए बेहतर रूट प्लान बनाया जाए। पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जाए। दूसरे राज्यों से परस्पर समन्वय बनाकर कॉमन डायवर्जन प्लान बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा में भी विशेष वेरिफिकेशन ड्राइव चलाए जाए, ताकि पहचान छुपा कर आने वाले लोगों पर सख्ती से कार्रवाई हो सके।

सुपरविजन के लिए विशेष मजिस्ट्रेट की नियुक्तियां भी की जाएं। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि कावड़ मेला अवधि 22 जुलाई से दो अगस्त तक है। इस वर्ष 5.5 करोड़ कांवड़ यात्रियों के हरिद्वार आने की संभावना है। कांवड यात्रा के सुचारू संचालन के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जो 24 घंटे संचालित होगा। यात्रा के सुचारू संचालन के लिए 14 सुपर जोन, 36 जोन एवं 130 सेक्टर बनाए गए हैं। मेले के लिए पांच नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है।

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