उत्तराखंड में प्रतिभा की कमी नहीं, उसे आगे लाने की जरूरत: धर्मेन्द्र प्रधान

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देहरादून: केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन और शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान देना होगा। उत्तराखंड में स्किल डेवलपमेंट का हब बनने की क्षमता है। राज्य के पास प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इन प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग व कौशल विकास की समीक्षा बैठक की गई। बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, शासन के अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

इस दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन और शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए ध्यान देना होगा। निपुण भारत मिशन के तहत बच्चों को पढ़ने-लिखने, बोलने, व्याख्या करने और संख्यात्मकता ज्ञान बढ़ाने के लिए डायट पर भी काम करना होगा। इसके लिए शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण देना होगा।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में स्किल डेवलपमेंट का हब बनने की क्षमता है। राज्य के पास प्रतिभाओं की कमी नहीं है, इन प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत है। राज्य में कौशल विकास से संबंधित जो भी विभाग और संस्थान प्रशिक्षण करवा रहे हैं, उन्हें सिंगल विंडो सिस्टम पर लाए जाने की आवश्यकता है।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा के पाठ्यक्रम को रोचक बनाया जाए। टेक्नोलॉजी के माध्यम से ईसीसीई के पाठ्यक्रम को कैसे और रोचक बनाया जा सकता है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उत्तराखंड के लिए जो पाठ्यक्रम बनाया जा रहा है, इसमें एससीईआरटी के साथ ही एनसीईआरटी की मदद भी ली जा सकती है।

अगले 10 वर्षों के रोडमैप पर काम कर रही सरकार: धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को उत्कृष्ट राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। सभी विभागों को अगले 03 वर्ष और आने वाले 10 वर्षों का रोडमैप बनाने के साथ ही बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में अपनी पर्फोमन्स देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री की ओर से शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए जो सुझाव दिये गये हैं, उनका सही तरीके से क्रियान्वयन किया जाए।

नई नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन: डॉ. धन सिंह रावत

विद्यालयी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एनईपी-2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्तमान शैक्षणिक सत्र से प्रवेश शुरू कर दिए गए हैं। इसके लिये नई नीति के अनुरूप पाठ्यक्रम तैयार गए हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि नई नीति के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है। साथ ही स्क्रीनिंग कमेटी और करिकुलम डिजाइन समिति गठित की गई। जिनकी विभिन्न स्तर पर कई दौर की बैठकों और पब्लिक डोमेन से मिले सुझावों के उपरांत बाद पाठ्यक्रम तैयार किया गया। जिसे सभी विश्वविद्यालयों की बीओएस, एकेडमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव कमेटी की ओर से अप्रूव्ड किया गया।

इस मौके पर अधिकारियों की ओर से प्रस्तुतीकरण के माध्यम से शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र में राज्य में की जा रही विभिन्न गतिविधियों का विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया।

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