प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कीं 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट
वाराणसी: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डिजिटल बैंकिग शाखाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट राष्ट्र को समर्पित की। 75 डीबीयू में से 08 डीबीयू भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एक बैंक ऑफ बड़ौदा (बैंक) द्वारा खोली गई हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 8 डिजिटल बैंकिंग यूनिट इंदौर, कानपुर देहात, करौली, कोटा, लेह, सिलवासा, वडोदरा और वाराणसी में खोली है। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया गया। कचहरी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा परिसर में लाइव प्रसारण केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल,प्रदेश के राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, महानगर नगर अध्यक्ष विद्या सागर राय, बैंक के लखनऊ अंचल के महाप्रबंधक बृजेश सिंह, बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजीव चड्ढा,बैंक के वाराणसी जोन के आईटी प्रमुख अनुराग कुमार, डिजिटल बैंकिग शाखा की प्रबंधक पूजा सहित अन्य अफसरों ने देखा।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के सामान्य मानवीय जीवन को आसान बनाने का जो अभियान देश में चल रहा है, डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स उस दिशा में एक और बड़ा कदम है। ये ऐसी विशेष बैंकिंग व्यवस्था है, जो मिनिमम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर से मैक्सिमम सेवाएं देने का काम करेगी। हमारा संकल्प है, व्यवस्थाओं में सुधार का। पारदर्शिता लाने का और आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक पहुंचने का।
बताते चलें कि डिजिटल बैंकिंग यूनिट में सभी सेवाएं डिजिटल, पेपरलेस और पूरी तरह से सुरक्षित तरीके से उपलब्ध करायी जाएंगी। अलग-अलग समाज के लोगों की जरूरतों और प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए डिजिटल बैंकिंग यूनिट दो माध्यमों से सेवाएं प्रदान करेंगी। पहला स्वयं सेवा जोन और दूसरा डिजिटल सहायता जोन जिसमें सहायता प्राप्त सेवाएं प्रदान की जाएंगी। स्वयं-सेवा माध्यम से डीबीयू सेवाएं वर्ष में 365 दिन 24 घंटे सातों दिन के आधार पर उपलब्ध रहेंगी। इन सेवाओं में नकदी निकासी एवं जमा, खाता खोलना, सावधि जमा/ आवर्ती जमा खाता खोलना, डिजिटल ऋण प्राप्त करना, पासबुक प्रिंटिंग, शेषराशि संबंधी पूछताछ, निधि अंतरण और कई प्रकार की अन्य सेवाएं शामिल हैं। बैंक के अफसरो के अनुसार डिजिटल बैंकिंग यूनिट अधिक से अधिक लोगों को डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं को सुविधाजनक और सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करेंगी । डिजिटल तरीके से वित्तीय साक्षरता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।