अमेरिकी सीनेटर जोन ओसोफ ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से की मुलाकात

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धर्मशाला: तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के डेढ़ माह बाद लद्दाख दौरे से मैकलोड़गंज लौटने के बाद उनके साथ अंतराष्ट्रीय स्तर के प्रतिनिधियों के मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के तिब्बती भाषा और संस्कृति को बचाने के प्रयासों के बीच अमेरिकी सीनेटर जोन ओसोफ ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मैक्लोडगंज स्थित उनके निवास पर भेंट की। इसके अलावा उन्होंने निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात कर तिब्बत के विषय पर वार्ता की। जोन इन दिनों आठ दिन के भारत दौरे पर हैं।

ओसोफ की यात्रा का उद्देश्य भारत के साथ आर्थिक, सांस्कृतिक और सुरक्षा संबंधों को सशक्त करना है। अमेरिका धर्मगुरु दलाई लामा और तिब्बती समुदाय के उन सभी प्रयासों को सहयोग देता रहेगा जिनके अंतर्गत वे अपनी विशिष्ट भाषा, सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को बचाना चाहता है। इनमें अपने धार्मिक नेताओं को चुनना भी शामिल है। निर्वासित तिब्बती प्रशासन के साथ भेंट के दौरान उन्होंने कहा कि तिब्बती संघर्ष प्रेरक एवं उत्साहवर्धक है।

अमेरिकी शिष्टमंडल का स्वागत निर्वासित तिब्बती संसद की डिप्टी स्पीकर डोलमा सेरिंग तेखंग ने किया। डोलमा ने कहा कि सीनेटर जोन की यात्रा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट संकेत भेजती है कि केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ही तिब्बत के लोगों का वैध प्रतिनिधि हैं और तिब्बत के मुद्दे के हल के लिए कोई भी वार्ता इसी के साथ की जानी चाहिए। इस सप्ताह सीनेटर ओसोफ ने सरकार और व्यापार जगत से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के साथ भेंट की है।

35 वर्षीय ओसोफ तीन दशकों में चुने गए सबसे कम आयु के सीनेटर हैं। वह जार्जिया प्रांत का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां करीब एक लाख भारतीय अमेरिकी रहते हैं। जार्जिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के अवसरों, मोटर वाहनों एवं सौर ऊर्जा के विषय में उनकी भेंट टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन के साथ भी हुई है। वह राजनीति और उद्योग जगत की कई विशिष्ट हस्तियों से भी मिले हैं।

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