हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में गूंजेंगे 367 प्रश्न, बुधवार से शुरू होगा सत्र
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार यानी 10 अगस्त से शुरू होने जा रहा है। चार दिन के सत्र में 367 सवाल गूंजेंगे। महंगाई, बेरोजगारी, सड़कों की बदहाली, विभिन्न विभागों में रिक्तियां, युवाओं में बढ़ते नशे के प्रयोग की रोकथाम, बढ़ते आपराधिक मामलों व सौर ऊर्जा, परिवहन व्यवस्था और ओल्ड पैंशन स्कीम जैसे विषयों से संबंधित प्रश्न सदन में पूछे जाएंगे। यह मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा। इसमें चार बैठकें होंगी। प्रदेश की सतारूढ़ भाजपा सरकार का यह आखिरी सत्र होगा।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा का यह सत्र 10 अगस्त को अपरान्ह 11 बजे शुरू होगा। पहले दिन शोकोद्गार होगा। 11 अगस्त को गैर सरकारी कार्य दिवस होगा। 13 अगस्त को शनिवार के दिन भी सत्र होगा।
उन्होंने बताया कि मानसून सत्र के लिए विधायकों से कुल 367 सवाल प्राप्त हुए हैं। इनमें 228 तारांकित और 139 अतारांकित सवाल हैं। तारांकित सवालों में 167 आनलाइन व 61 आफलाइन मिले हैं। इसी तरह अतारांकित सवालों में 85 आनलाइन और 54 आफलाइन प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त सदस्यों से नियम-62 के तहत दो, नियम-130 के तहत तीन और नियम-101 के तहत एक सूचना प्राप्त हुए है तथा इन्हें आगामी कार्रवाई के लिए सरकार को प्रेषित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मंगलवार को वह सर्वदलीय बैठक लेंगे। यह बैठक प्रदेश विधानसभा परिसर में होगी। परमार ने सतापक्ष और विपक्ष से सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण चलने की अपील की है।
विपिन सिंह परमार ने कहा कि कि 2018 में मौजूदा सरकार के कार्यकाल में विधानसभा की 34 बैठकें हुई जबकि 2019 में 30 बैठकें, 2020 में 25 बैठकें, 2021 में 32 बैठकें और 2022 के बजट सत्र में 15 तथा मानसून की चार बैठकों को मिलकर कुल 19 बैठकें होंगी। कुल मिलाकर पांच साल में 140 सिटिंग होगी।
दो निर्दलीय विधायकों के भाजपा में शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसकी समीक्षा की जा रही है और इसे लेकर वह सत्र के दौरान निर्णय लेकर जवाब देंगे। परमार ने कहा कि अभी देखा जा रहा है उनके पास दी गई अर्जी याचिक है या शिकायत है। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायकों की शिकायत करने वालों को अवगत करवा दिया गया है।
एक अन्य सवाल के जवाब में परमार ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी को उन्होंने पूरी कर्मठता के साथ निभाया है। उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि प्रदेश सरकार की योजनाओं पर मोहर लगाने वाले सदन को चलाने का मौका मिला है। वह एबीवीपी के बाद आरएसएस में आए और फिर राजनीति में प्रवेश किया। जयराम ठाकुर सरकार में पहले स्वास्थ्य मंत्री बने और फिर विधानसभा अध्यक्ष का संवैधानिक पद संभाल रहे हैं। परमार ने कहा कि उनके लिए शोभाग्य की बात है कि उनके कार्यकाल के दौरान हिमाचल विधानसभा में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आए। इसके अलावा यहां पीठासीन अधिकारियों का राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ।