दलाईलामा धर्मशाला से लद्दाख रवाना, 15 दिन की होगी यात्रा
धर्मशाला : तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा लद्दाख के लिए वीरवार सुबह धर्मशाला से रवाना हुए। वह 15 दिन की लद्दाख की यात्रा पर रहेंगे। कोरोना काल में करीब दो साल तक अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास पर आइसोलेशन में रहने के बाद दलाईलामा की धर्मशाला से बाहर यह पहली यात्रा है। वहीं, उनके लद्दाख दौरे को लेकर चीन की भी पूरी नजर रहेगी। ड्रैगन हमेशा उनके लद्दाख दौरे का विरोध जताता रहा है। इस बार भी चीन भड़क सकता है।
जानकारी के अनुसार दलाईलामा वीरवार रात जम्मू में ठहरेंगे। इसके बाद शुक्रवार सुबह लद्दाख के लिए निकलेंगे। लंबे समय बाद अपने धर्मगुरु को देखने के लिए लद्दाख में रह रहे तिब्बती शरणार्थियों में खासा उत्साह है। कोरोना महामारी के समय में दलाईलामा धर्मशाला से बाहर नहीं गए। कोरोना संक्रमण के चलते उन्होंने स्वयं को अपने मैक्लोडगंज स्थित आवास में आइसोलेट कर लिया था।
इस दौरान उनका किसी से भी मिलना-जुलना नहीं हुआ। दुनिया भर के अनुयायियों से वह वर्चुअली रू-ब-रू होते रहे। पिछले महीने लद्दाख के बौद्ध संघ के प्रतिनिधियों ने मैक्लोडगंज में उनसे मुलाकात की थी। संघ के प्रतिनिधियों ने दलाईलामा को लद्दाख आने का निमंत्रण दिया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था।
भारत पर भड़क सकता है चीन
दलाईलामा ने 2018 में लद्दाख में अपना जन्मदिन मनाया था। उस दौरान भी चीन की तरफ से भारत के प्रति कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। अभी जुलाई के पहले सप्ताह दलाईलामा के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी थी। उस पर भी चीन ने कड़ी नाराजगी जताई थी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा था कि भारत को चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने से परहेज करते हुए तिब्बत से जुड़े मुद्दों का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। ऐसे में तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के लद्दाख दौरे को लेकर चीन एक बार फिर भड़क सकता है।