मेले व उत्सव हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा: सरवीण चोैधरी

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धर्मशाला: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी ने रविवार को शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के मनेई लखदाता छिंज मेले में शिरकत करते हुए कहा कोविड के कारण लगभग दो वर्षाें तक सभी प्रकार के आयोजन बन्द रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड से जब राहत मिली तो प्रदेश में सभी प्रकार के आयोजन आरम्भ होने से लोगों में भी भारी उत्साह है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आयोजित होने वाले उत्सव हमारी संस्कृति और विरासत का हिस्सा हैं जिन्हें अगली पीढ़ी भी बड़ी शिद्दत से आगे बढ़ा रही है।

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि इन मेलों में स्थानीय पहलवानों और खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि इन मेलों में आयोजित होने वाले दंगल के प्रति लोगों में बड़ी उत्सुकता होती है और यहां पूरे उत्तर भारत से पहलवान अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं।

उन्होंने कहा कि मेले और छिंज प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परमपराओं का अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि इनका संरक्षण समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। मेले और छिंज आपसी भाईचारे, सौहार्द और प्रेम के प्रतीक हैं और इनके माध्यम से हमें मिलने-जुलने का अवसर प्राप्त होता है।

उन्होंने लखदाता छिंज मेला कमेटी मनेई को 25000 रुपए, मेला ग्राउंड के लिए 2 लाख रुपए और मेला ग्राउंड स्टेज के लिए एक लाख रुपए देने की घोषणा की। इससे पहले मेला कमेटी के अध्यक्ष कृपाल संधू ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और मेले के आयोजन से सम्बन्धित जानकारी दी। सरवीण ने इस दौरान आयोजित दंगल के विजेता तथा उपविजेता पहलवानों को भी पुरस्कृत किया।इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य सहित विभिन्न पंचायतों के प्रधान और अन्य लोग उपस्थित थे।

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