89 वर्षीय वृद्ध का आंख का आपरेशन सफल, वापिस आई रोशनी
रिकांगपिओ: जिला किन्नौर के क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में आधुनिक फेको नेत्र ऑपरेशन मशीन स्थापित होने से जिला के लोगों को इसका काफी लाभ मिल रहा है। वही क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में इस मशीन के स्थापित होने से नेत्र विशेषज्ञ डॉ0 अविनाश नेगी द्वारा आंखों के सफल आप्रेशन किए जा रहे हैं । वही शुक्रवार को डॉ0 अविनाश ने 89 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति जिनकी आँख माइक्रो कॉर्निया की अवस्था में थी तथा सफेद मोतिया हो गया था जिससे वृद्ध पुरुष की बाई आँख की रोशनी पूरी तरह से चली गई थी तथा दूसरी दाई आंख भी पूरी तरह बंद हो गई थी व आंख की पुतली भी बहुत छोटी थी जिसका सफल ऑप्रेशन कर दाई आँख की रोशनी वापिस लाकर डॉ अविनाश ने एक और कामयाबी अपने नाम कर ली है।
गौरतलब है कि डॉ0 अविनाश नेगी ने अब तक मोतियाबिंद के 1844 और नखुना जिससे आँख में मास का बढ़ने से दिखाई नही देता है के 284 सफलतापूर्वक आँख के आप्रेशन किए हैं तथा अब तक लगभग 29 हजार लोगों की आँखों का चेकअप किया है।
क्षेत्रीय अस्पताल रिकांगपिओ में किन्नौर के साथ. साथ मंडीए कुल्लूए शिमला के रोहड़ू, रामपुर, काजा स्पीति आदि दूरदराज के जिले से भी मरीज आ कर आँखों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर चुके है
नेत्र विशेषज्ञ डॉ अविनाश नेगी ने बताया कि टाशी गंग के निवासी रंगरिक नलजोर 89 वर्षीय वृद्ध लामा की एक आंख की रोशनी पांच वर्ष पहले चली गई थी तथा एक आंख पूरी तरह बंद है जबकि दूसरी आंख की पुतली भी बहुत छोटी थी तथा दूसरी आंख की रोशनी भी पूरी तरह चली गई थी जिसका हमने सफल ऑप्रेशन किया है । उन्होंने बताया कि इन्हें माइक्रो कॉर्निया था जिसमे पुतली का साइज 10 मिली मीटर से कम रहता है जबकि पुरुषों की पुतली का साइज 11 से लेकर साढ़े 12 मिली मीटर तक होता है परन्तु इनकी पुतली का साइज 7 मिली मीटर था तथा इतनी छोटी पुतली बहुत ही कम लोगों की आंख की होती है । उन्होंने बताया कि यह एक बहुत ही चैलेंजिंग केस था तथा इनकी आंख में जो मोतिया था उसका ऑपरेशन भी बहुत मुश्किल था । उन्होंने बताया कि मैंने पूह में इनकी आंखों का चेकअप किया था तब मुझे पता चला कि इनको माइक्रो कॉर्निया है तथा आंख में बहुत अधिक मोतिया बना हुआ है जिससे इनकी आंख की रोशनी पूरी तरह चली गई थी जिस पर मैंने इन्हें क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ बुलाया था जहां हमने इनकी आंख का ऑपरेशन कर रोशनी वापस लाने की कोशिश की तथा हमें इसमें सफलता भी मिली तथा इनकी आंख की 60 प्रतिशत रोशनी वापिस आ गई है जिससे हमें भी बहुत खुशी है क्योंकि मैंने 3 सालों में पहली बार ऐसा ऑपरेशन किया है तथा उसमें सफलता भी मिली है।
वहीं 89 वर्षीय वृद्ध रंगरिक नलजोर ने बताया कि मैंने पहले अपनी एक आंख का ऑपरेशन पीजीआई चंडीगढ़ में करवाया था परन्तु ऑपरेशन सफल नही हुआ था उन्होंने बताया कि जब सरकार की ओर से पूह में आयोजित स्वास्थ्य मेला में डॉ अविनाश आए थे तथा मेरी आंख का चेकअप किया था जिस पर उन्होंने मुझे 3 दिन बाद क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में ऑप्रेशन के लिए बुलाया था जिस पर मैंने रिकांगपिओ चिकित्सालय आकर आंख का ऑपरेशन करवाया तथा ऑपरेशन के बाद मेरी आंख की रोशनी वापस आ गई है तथा अब मैं देख भी सकता हूं जिसके लिए मैं डॉक्टर अविनाश का बहुत आभारी हूं ।