बीजिंग ओलपिंक के विरोध में एसएफटी के कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
धर्मशाला: चीन के बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक 2022 के विरोध में स्टूडेंट्स फॉर ए फ्री तिब्बत इंडिया (एसएफटी) के कार्यकर्ताओं ने वीरवार को मैकलोड़गंज में विरोध जताया। चीन सरकार की ओर से तिब्बत में मानवाधिकारों के उल्लंघन के विरोध में संगठन के कार्यकर्ता बीजिंग शीतकालीन ओलपिंक का विरोध कर रहे हैं।
संगठन का मानना है कि यह ओलंपिक खेल चीन को दमन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। वर्ष 2008 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक ने चीन में स्वतंत्रता की एक श्रृंखला पर प्रतिबंधों की शुरुआत की। संगठन के राष्ट्रीय निदेशक रिजिंन छोडेन ने बताया कि तिब्बत में चीन सरकार के दमन की नीति लगातार चल रही है।
चीन की नीतियों ने तिब्बत में संकट पैदा कर दिया है और भिक्षुओं, भिक्षुणियों और आम लोग आत्मदाह कर रहे हैं। वर्ष 2009 से अब तक 155 से अधिक तिब्बतियों ने आत्मदाह किया है। तिब्बत के ड्रैकगो में बुद्ध की एक विशाल मूर्ति को तोड़ डाला गया। चीन सरकार तिब्बती संस्कृति और पहचान को समाप्त करने में लगी है। चीन के औपनिवेशिक बोर्डिंग में रहने वाले 10 लाख तिब्बती बच्चों और युवाओं को तिब्बती संस्कृति से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
बताया गया कि बीजिंग ओलपिंक के विरोध में कल शुक्रवार को मैकलोड़गंज में पांच तिब्बती संगठनों के कार्यकर्ता एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे।