अखण्ड कीर्तनी जत्थे ने आसा दी वार का कीर्तन कर निहाल किया
देहरादून: गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आढ़त बाजार के तत्वावधान में शिरोमणि भक्त रविदास जी के जन्मोत्सव को समर्पित गुरमत समागम में निष्काम अखण्ड कीर्तनी जत्थे ने आसा दी वार का शब्द कीर्तन कर संगत को निहाल किया।
प्रातरु नितनेम के पश्चात हजूरी रागी भाई चरणजीत सिंह ने शब्दमोहे न विसारो मैं जन तेरा एवं सगल भवन के नायका, इक छिन दरस दिखाये, अखण्ड कीर्तनी जत्थे वालों ने शब्द ष्कोई आवै संतों हर का जन संतों एवं बेगमपुरा शहर को नाऊ, दुःख अंदोह नहीं तह ठाउँ ष्का गायन कर संगत को निहाल किया।
हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने शरोमणि भक्त रविदास जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्त रविदास जी ने संसारिक कहे जाने वाली छोटी जात में रह कर भक्ति करके उत्तम स्थान प्राप्त किया, समय के मुताबिक उन्होंने संसारिक कुरीतियों को दूर करने हेतू 41 शब्द उच्चारण किये, जोकि श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज हैं, उनका जीवन सघारण एवं प्रभु भक्ति से जुड़ा रहा, वाणी के अनुसार अहंकार को दूर करने और प्रभु भक्ति और मिलजूल कर रहना सिखाया, उन्होंने वाणी के अनुसार प्रभु को माधवे शब्द के साथ बार बार पुकारा।
कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर छका, मंच का संचालन महासचिव गुलजार सिंह एवं सेवा सिंह मठारू ने किया इस अवसर पर प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, महासचिव गुलजार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह सचिव अमरजीत सिंह, मनजीत सिंह, सतनाम सिंह, रजिंदर सिंह राजा, बीबी जीत कौर, जी एस डंग, जथेदार दलीप सिंह, हरप्रीत सिंह, दलबीर सिंह कलेर जसविंदर सिंह मोठी, बलबीर सिंह दुआ, अमरजीत सिंह सोंधी, हरदेव सिंह, कृपाल सिंह चावला, विजयपाल सिंह आदि उपस्थित थे।