बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर को केंद्र सरकार ने दी मंजूरी: जय राम ठाकुर
शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला ऊना के हरोली में बनने वाले बल्क ड्रग पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को केंद्र सरकार ने अंतिम मंजूरी प्रदान कर दी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की योजना संचालन समिति ने आज इस मेगा प्रोजेक्ट की डीपीआर को अपनी अंतिम स्वीकृति दी।
योजना चयन समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय महत्व की इस परियोजना को अंतिम मंजूरी मिलने से राज्य में, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र में दूसरी औद्योगिक क्रांति की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि यह परियोजना केंद्र और राज्य की ‘डबल इंजन’ सरकार का सकारात्मक प्रभाव है, जो एकजुट होकर काम करती हैं और प्रतिस्पर्धी एवं सहकारी संघवाद की भावना को सुदृढ़ करती हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार उद्योग विभाग के माध्यम से मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग पार्क दोनों को समयबद्ध तरीके से निष्पादित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि हिमाचल प्रदेश इन मेगा परियोजनाओं का भरपूर लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार और समस्त प्रदेशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण हैं। उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क न केवल राज्य में मौजूदा फार्मा फॉर्मूलेशन इकाइयों के लिए मददगार साबित होगा, बल्कि एपीआई क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम होगा। मुख्यमंत्री ने बल्क ड्रग पार्क की डीपीआर को रिकॉर्ड समय में तैयार करने तथा इसे मंजूर करवाने के लिए उद्योग विभाग और ईएंडवाई कंसल्टेंट्स की टीम के कार्य की भी सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी, जो राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) होगी। उन्होंने कहा कि बल्क ड्रग पार्क परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1923 करोड़ रुपये है, जिसमें भारत सरकार की अनुदान राशि 1118 करोड़ रुपये है और शेष 804.54 करोड़ रुपये की राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
उन्होंने कहा कि यह मेगा परियोजना अपने आस-पास के क्षेत्र में कई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगी। इससे संबद्ध उद्योग, आवास, शिक्षा, व्यावसायिक, सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह परियोजना युवा उद्यमियों को नए अवसर प्रदान करेगी और इससे आस-पास के पांच जिलों ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन और हमीरपुर में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आएगा।