हिंदी पत्रकारिता दिवस पर देहरादून जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ कम्युनिकेशन की गोष्ठी, पत्रकारिता की चुनौतियों पर हुआ मंथन

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देहरादून:  देहरादून जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ कम्युनिकेशन ने हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर “वर्तमान पत्रकारिता एवं चुनौतियों” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन शिमला एन्क्लेव में किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सिंघल ने की।

गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार चेतन खड़का ने पत्रकारिता के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर चर्चा करते हुए संगठन की भूमिका पर जोर दिया। संगठन के सचिव बालेश गुप्ता ने पत्रकारिता के स्तर को बेहतर बनाने के लिए संगठन को महत्वपूर्ण सुझाव दिए और कहा कि पत्रकारिता में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीमती संतोष आनंद ने पत्रकारिता में आ रहे बदलाव और पत्रकारों के सामने खड़ी हो रही चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पत्रकार खुद पत्रकारों के लिए चुनौतियां खड़ी कर रहे हैं, जो चिंतन का विषय है।

संगठन के प्रवक्ता मनमोहन बधानी ने संगठन की शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एकजुट होकर बड़ी से बड़ी चुनौतियों का समाधान संभव है। युवा पत्रकार कुमारी रवीना ने अपने सात साल के अनुभव साझा करते हुए महिलाओं के शोषण की बात रखी और कहा कि आज महिलाओं के लिए कोई भी क्षेत्र पूरी तरह सुरक्षित नहीं है।

संगठन के कोषाध्यक्ष नारायण भट्ट ने कहा कि चुनौतियां हर क्षेत्र में हैं और उन्हें समूह और संवाद से सुलझाया जा सकता है। प्रदेश महासचिव अखिलेश व्यास ने वक्ताओं के विचारों का समर्थन करते हुए कहा कि संवाद से हर समस्या का समाधान संभव है।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रदेश उपाध्यक्ष रजनीश ध्यानी ने समय की प्रतिबद्धता की महत्ता पर बल दिया और कहा कि समयबद्धता से हर चुनौती का समाधान किया जा सकता है।

गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश अध्यक्ष गोपाल सिंघल ने सभी साथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संगठन की एकता में बड़ी शक्ति होती है, जिससे वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।

कार्यक्रम में अजय तिवारी, रोशन सुंदरियाल, नित्यानंद भट्ट, अनुसूया पुजारी सहित कई पत्रकार उपस्थित रहे।

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