स्वास्थ्य के अग्रणी अमले संग डीएम का संवादः डेंगू और मलेरिया रोकथाम को लेकर सख्त दिशा-निर्देश

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-डीएम का वीर आशाओं संग संवाद जारी, आज ऋषिकेश अर्बन आशा संग चला डीएम संवाद

– सीएम के डीएम को सख्त निर्देशः डेंगू रोकथाम के लिए अग्रणी अमले को रखें प्रेरित,

-सभी अस्पतालों में रैपिड टेस्ट, डेंगू एलिसा टेस्ट, व अन्य उपकरण

-वार्डों में जागरूकता गोष्ठी का आयोजन, डोर-टू-डोर जाकर जनमानस को जनजागरूक करेंगी टीमें

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज ऋषिकेश स्थित ट्रांजिट कैम्प में स्वास्थ्य विभाग और आशा कार्यकर्ताओं के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद – बैठक आयोजित की, जिसमें डेंगू और मलेरिया नियंत्रण को लेकर सख्त दिशा-निर्देश दिए गए। इस मौक़े पर जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू और मलेरिया के नियंत्रण के लिए लार्वा सोर्स रिडक्शन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। आशाओं और आशा फैसिलिटेटरों को डोर-टू-डोर सर्वे करके जलभराव और लार्वा के स्रोतों को नष्ट करने के लिए कार्य करना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जिले की वीर आशाओं को डेंगू और मलेरिया नियंत्रण कार्यों में उनके योगदान के लिए ₹1500 का अतिरिक्त दिया जाएगा, साथ ही अच्छे कार्य करने वाली आशाओं और आशा फैसिलिटेटरों को ₹1555 का पुरस्कार भी दिया जाएगा। साथ ही, नगर निगम ऋषिकेश को निर्देश दिया गया कि 15 मई तक शहर के सभी बड़े नालों और ड्रेनों की सफाई सुनिश्चित की जाए, ताकि जलभराव न हो और मच्छर के लार्वा का प्रकोप कम किया जा सके।

बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए कहा कि पिछली वर्ष की तरह इस वर्ष भी आशाओं और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए लगातार निगरानी और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।आशाओं को 1000 एनआरएचएम, 1500 जिला प्रशासन, 1500 नगर निगम तथा अच्छे कार्य पर डीएम की ओर से रू0 1555 अतिरिक्त मिलेंगे जिससे आशाओं को डेंगी सीजन पर कुल मिलाकर रू0 5555 प्राप्त होगी।

डीएम ने यह भी निर्देशित किया कि प्रत्येक वार्ड में नियमित रूप से फॉगिंग की जाए और लार्विसाइडिल टैंकर से केमिकल का छिड़काव किया जाए, ताकि मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सके। इसके अलावा, डेंगू और मलेरिया के संदिग्ध मरीजों का प्राथमिक उपचार स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी होगी। सभी अस्पतालों में रैपिड टेस्ट, डेंगू एलिसा टेस्ट, और अन्य आवश्यक उपचार उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का नियंत्रण अभी प्रारंभिक अवस्था में है, और यदि प्रत्येक आशा कार्यकर्ता पूरी निष्ठा और मेहनत से कार्य करेगा, तो इन बीमारियों की रोकथाम संभव है। उन्होंने सभी आशा कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अपनी जिम्मेदारियों को 100ः समर्पण के साथ निभाएं, ताकि भविष्य में इन बीमारियों के

प्रकोप को बढ़ने से रोका जा सके।जिलाधिकारी ने आगे कहा, हम आपकी कठिनाईयों को समझते हैं और इस संकट के समय में आपके लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यदि किसी भी आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या होती है, तो हम उसे ठीक करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे। आशा कार्यकर्ताओं का स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है, क्योंकि वे स्वस्थ रहेंगे तो सैकड़ों लोगों को स्वस्थ रखने में सक्षम होंगे। यही हमारा प्रयास है, और हम इसे पूरी गंभीरता से

लागू करेंगे।जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि डेंगू और मलेरिया नियंत्रण की गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जाए और गूगल स्प्रेड शीट के माध्यम से प्रगति की जानकारी सार्वजनिक की जाए। साथ ही, उन्होंने सभी विभागों को एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि समाज के कमजोर वर्गों को सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलना चाहिए, ताकि वे महंगी प्राइवेट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मजबूर न हों।

मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने कहा कि डेंगी की प्रसार को रोकना पहली प्राथमिकता हैं, हमें समय रहते बचाव व सुरक्षा सबंधि समुचित कार्य युद्ध स्तर पर करना हैं, जिलाधिकारी के निर्देशानुसार डेंगी/मलेरिया से बचाव एवं रोकथाम संबंधी कार्य के प्रति दिन मॉनिट्रिंग किया जा रहा है।इस अवसर पर एसएसपी देहरादून अजय सिंह, नगर आयुक्त ऋषिकेश शैलेंद्र

सिंह नेगी, उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा, सीएमओ मनोज शर्मा सहित संबंधित अधिकारी, कर्मचारी एवं आशा व हेल्थ वर्कर उपस्थित थे।

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