यूसीसी में सरकारी कर्मचारियों के शत-प्रतिशत विवाह पंजीकरण को सर्वोच प्राथमिकता दी जाए: गृह सचिव

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देहरादून: प्रदेश में यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के अंतर्गत विवाह एवं अन्य सेवाओं के पंजीकरण प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा हेतु बुधवार को सचिवालय में सचिव गृह शैलेश बगौली की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।           इस दौरान प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में यूसीसी पोर्टल पर विभिन्न सेवाओं के पंजीकरण की समीक्षा की गई।

बैठक में बताया गया कि यूसीसी पोर्टल पर अब तक लगभग 94,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें से 73,093 आवेदन विवाह पंजीकरण हेतु, 19,956 आवेदन पंजीकृत विवाह की स्वीकृति हेतु, 430 वसीयतनामा/उत्तराधिकार, 136 तलाक/विवाह की शून्यता, 46 लिव-इन संबंध, और 4 आवेदन बिना वसीयत उत्तराधिकार से संबंधित हैं। इनमें से 89 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृति, लगभग 5 प्रतिशत को निरस्त किया गया है तथा शेष प्रक्रियाधीन हैं। वर्तमान में औसतन 174 आवेदन प्रति जनपद प्रतिदिन प्राप्त हो रहे हैं।

बैठक में सचिव श्री बगौली ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि यूसीसी से संबंधित सेवाओं, विशेष रूप से विवाह पंजीकरण के क्षेत्र में जनजागरूकता बढ़ाने हेतु शिविरों का आयोजन करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी कर्मचारियों के शत-प्रतिशत विवाह पंजीकरण को सर्वोच  प्राथमिकता दी जाए।  

 इस संबंध में शासन से आवश्यक आदेश जारी किए जा चुके हैं। यूसीसी पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निस्तारण की समीक्षा करते हुए सचिव ने जिन जनपदों द्वारा बड़ी संख्या में आवेदन निरस्त किए जा रहे हैं उन पर आपत्ति करते हुए जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आवेदनों के निरस्तीकरण के कारणों की समीक्षा करें।

वर्ष 2010 के बाद हुए विवाह के पंजीकरण में रुद्रप्रयाग (29 प्रतिशत), उत्तरकाशी (23 प्रतिशत) और चमोली (21 प्रतिशत) ने उल्लेखनीय प्रगति की है। सचिव गृह ने यह बताया कि अब पूर्व में पंजीकृत विवाह की स्वीकृति हेतु वीडियो के.वाई.सी. की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। यूसीसी सर्टिफिकेट को डिजीलॉकर में उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्यवाही प्रगतिशील है।

पिछले एक माह में प्रदेश की लगभग सभी ग्राम पंचायतों को यूसीसी सेवाओं से आच्छादित करने के लक्ष्य में तीव्र प्रगति हुई है। जहां पहले 4,141 ग्राम पंचायतें शेष थीं, अब मात्र 382 पंचायतें ऐसी रह गई हैं, जिनसे अभी तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है, इस हेतु भी सचिव श्री बगौली ने अभियान चलाकर जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार के कार्य करने के निर्देश दिये। बैठक में अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, निदेशक आई.टी.डी.ए. नितिका खंडेलवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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