बैसाखी पर हरिद्वार में श्रद्धालुओं ने माँ गंगा में लगाई आस्था की डुबकी

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हरिद्वार : श्रद्धालुओं ने रविवार को बैसाखी के अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार में आध्यात्मिक हर की पौड़ी घाट पर प्रार्थना की और पवित्र स्नान किया। बैसाखी के अवसर पर मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में भी आरती की गई। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी बैसाखी के अवसर पर शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, “दसवें सिख गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र भूमि पर जाति और रंग के भेदभाव से मुक्त खालसा की स्थापना करके हमें पूरी दुनिया से अलग पहचान दिलाई।

खालसा साजना दिवस और बैसाखी के अवसर पर आज गुरु के चरणों में नतमस्तक होने वाले सभी श्रद्धालुओं को बधाई।” राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13, 14 और 15 अप्रैल को मनाए जा रहे वैसाखी, विशु, बोहाग बिहू, पोइला बैशाख, मेषादि, वैशाखदि और पुथांडू पिरापु की पूर्व संध्या पर शुभकामनाएं दीं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बैसाखी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई दी। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि बैसाखी उत्साह, भाईचारे, हर्ष और उल्लास का पर्व है। उन्होंने कहा कि नई फसल की कटाई से जुड़ा यह पर्व हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और किसान व कृषि संस्कृति का भी प्रतीक है। यह लोक आस्था और समृद्धि का भी प्रतीक है।

मुख्यमंत्री ने कामना की कि यह पावन पर्व प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाए। उत्तरी राज्यों में पारंपरिक रूप से फसल कटाई के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला बैसाखी पर्व खालसा पंत की स्थापना से जुड़ा है। यह एकत्रित होने, प्रार्थना करने और प्रेम एवं खुशी के साथ जश्न मनाने का समय है।

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