मकर संक्रांति पर सुबह 10 बजे तक एक करोड़ 38 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

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अमृत स्नान के बाद निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत रविंद्र पुरी ने कहा, “हम सात बज कर 15 मिनट पर स्नान घाट पर पहुंचे और सात बज कर 45 मिनट पर हमने स्नान कर घाट खाली कर दिया। आधे घंटे में निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के हजारों साधु संतों ने स्नान किया। निरंजनी अखाड़े के 35 महामंडलेश्वरों ने और हजारों की संख्या में नागा सन्यासियों ने अमृत स्नान किया।”

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निरंजनी अखाड़े की साध्वी और पूर्व मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा, “घाट पर युवाओं की भीड़ यह बताती है कि युवाओं में सनातन धर्म के प्रति कितनी आस्था है। जब भी किसी ने सनातन धर्म को चुनौती दी, युवा और संत समाज ने आगे आकर धर्म की रक्षा की।”

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निरंजनी अखाड़े और आनंद अखाड़े के बाद संख्या बल में सबसे अधिक जूना अखाड़े और आवाहन अखाड़े के हजारों साधु संतों ने अमृत स्नान किया। इनमें जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि भव्य रथ पर सवार होकर स्नान घाट पर आए और उनके साथ हजारों की संख्या में नागा सन्यासी भी थे। बारी बारी से तेरह अखाड़ों का अमृत स्नान शाम चार बजे तक पूरा होने की संभावना है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है। आज लोक आस्था के महापर्व मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम अमृत स्नान कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन।”

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कड़ाके की ठंड और कोहरे के बावजूद प्रयागराज में हर दिशा से जनसैलाब सुबह से ही संगम की ओर जाता दिखाई दिया। आम श्रद्धालु स्नान के साथ ही संगम क्षेत्र में अखाड़ों के साधु संतों के भी दर्शन कर रहे हैं। संगम तट पर अमृत स्नान के बाद युवा और बुजुर्ग साधु संत और नागा सन्यासी शरीर पर भभूत लगाकर घाट से अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो रहे हैं और आशीर्वाद स्वरूप भभूत लोगों पर छिड़क रहे हैं। नागा सन्यासियों के दर्शन की अभिलाषा में भारी संख्या में लोग संगम घाट पर मौजूद हैं। 

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