पीएम मोदी का जादू बरकरार, प्रदेश में डटी धामी सरकार,उत्तराखण्ड कांग्रेस में फिर मायूसी

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देहरादून: बीते दिनों पांच राज्यों में हुए चुनाव को लोकसभा चुनाव प्री बोर्ड इम्तेहान के रूप में देखा जा रहा था। जिसमें भाजपा पूरी तरह से पास होती नजर आई और कांग्रेस गठबंधन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। देश के तीन प्रमुख राज्यों में कांग्रेस को मिली करारी हार ने यह साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मैजिक अब भी लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। कांग्रेस की करारी हार का असर अब उत्तराखंड में भी देखा जा रहा है।

उत्तराखंड कांग्रेस के भी तमाम नेता इस बात को लेकर मायूस हैं कि इन राज्यों में कांग्रेस को इतना बड़ा झटका क्यों लगा हैै। इस बात की चर्चाएं कांग्रेस नेताओं में लगातार चल रही हैं क्योंकि उत्तराखंड कांग्रेस के कई नेता चार राज्यों में चुनावी ड्यूटी पर थे।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह छत्तीसगढ़ के सीनियर ऑब्जर्वर बनाए गए थे तो वहीं पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदयाल और हरक सिंह रावत की ड्यूटी राजस्थान चुनाव में लगाई गई थी। इसके अलावा कई नेता मध्य प्रदेश चुनाव में भी डटे हुए थे लेकिन इन राज्यों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। जिस वजह से उत्तराखंड कांग्रेस में भी हताशा और निराशा घर करने लगी है। पिछले साल पड़ोसी राज्य हिमाचल में मिली कांग्रेस को कामयाबी के बाद जो ऑक्सीजन उत्तराखंड कांग्रेस के नेताओं को मिली थी। वह अब इन तीन राज्यों में हार के बाद खत्म हो चुकी है।

लोकसभा चुनाव सिर पर है और जहां तीन राज्यों में मिली जीत के बाद उत्तराखण्ड भाजपा मंे नई ऊर्जा का संचार हुआ है। वहीं कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में उत्तराखण्ड में फिर से एक भी सीट न जीतने की आशंका सताने लगी है।

वैसे भी उत्तराखण्ड की धामी सरकार को किसी भी मुद्दे पर घेरने में अब तक पूरी तरह से विफल रही है। क्यों प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस तरह से प्रदेश के विकास को गति देने में लगे है। राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा यह है कि  कांग्रेस के सामने अब यह बड़ी समस्या है कि वे लोकसभा चुनाव में  केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार पर किस तरह से उंगली उठाएंगे।

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