वैश्विक इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में चमकेगा सुनीता विलियम्स का नाम 

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देहरादून: वीरता और अदम्य साहस में भारतीय महिलाओं के इतिहास में ही नहीं, बल्कि विश्व इतिहास में सुनीता विलियम्स का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। सुनीता के पृथ्वी पर वापसी को लेकर एरीज के वैज्ञानिक में भी बेसब्री से इंतजार दिखा।अंतरिक्ष यात्री सुनीता 9 माह बाद पृथ्वी पर लौट रही हैं। वह आज बुधवार सुबह करीब 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंडिंग करेंगी। ज्ञातव्य हो कि सुनीता विलियम्स नासा की 8 दिन की यात्रा में ज्वाइंट क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गईं थीं। उनके क्रू फ्लाइट में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण आठ दिन का अंतरिक्ष सफर 9 महीने में बदल गया। सुनीता को लेकर आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज, नैनीताल के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडेय का कहना है कि सुनीता एक सच्ची साहसी और प्रेरणादायक भारतीय मूल की महिला हैं।

विषम परिस्थितियों में उनकी अंतरिक्ष यात्रा किसी भी जंग से कम नहीं आंकी जा सकती है। भारतीय जांबाज महिलाओं में रानी लक्ष्मीबाई, रानी गाइदिन्ल्यू, रानी द्रौपदी व महारानी तपस्विनी के अलावा कई और नाम हैं, जिनका नाम भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा गया है। अंतरिक्ष सफर में जीवन समर्पित करने वालीं कल्पना चावला का नाम भी विश्व विख्यात है और अब अंतरिक्ष का लंबा सफर तयकर लौट रहीं सुनीता विलियम्स ने भारतीयों का सिर गौरव से ऊंचा दिया है। 


दृढ़ता और प्रेरणा का अद्भुत उदाहरण 
डॉ. शशिभूषण पांडेय के अनुसार, सुनीता की कहानी साहस, दृढ़ता और प्रेरणा का एक अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और बेहद कठिन परिस्थितियों में भी कभी हार नहीं मानी। उनकी उपलब्धियों ने न केवल भारतीय-अमेरिकी समुदाय को गर्व से भर दिया है, बल्कि उन्होंने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। अंतरिक्ष में अटकीं सुनीता की जब भी कोई तस्वीर या वीडियो पृथ्वी पर पहुंची है, वह हमेशा मुस्कुराते हुए नजर आईं। भय या चिंता की कोई शिकन कभी उसके चेहरे पर नजर नहीं आई। अब उनके धरती पर कदम रखने का बेसब्री से इंतजार है। उनके सकुशल वापसी को लेकर दुनिया की नजरें उन पर रहेंगी।

पहले भी कई बार रह चुकींअंतरिक्ष में 
नैनीताल:  सुनीता विलियम्स ने पहली बार वर्ष 2006 में अंतरिक्ष यात्रा की थी। दूसरी अंतरिक्ष यात्रा वर्ष 2012 में की थी। तब वह 322 दिन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहीं। यह उनकी लंबी रिकॉर्ड यात्रा थी। तब सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में सबसे अधिक बार (स्पेस वॉक) चलने का रिकॉर्ड भी बनाया था। स्पेसक्राफ्ट में खराबी के कारण इस बार 254 दिन रुकना पड़ा। सुनीता अंतरिक्ष में लगातार सबसे लंबे समय तक ठहरने वालीं दुनिया की पहली महिला बन गई हैं।hi

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