मुख्य न्यायधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने तत्काल सुनवाई पर बदली पुरानी व्यवस्था
नई दिल्ली: देश के नए नवेले मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना बतौर CJI अपने कार्यकाल के दूसरे दिन यानी मंगलवार को ऐक्शन में दिखे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में मामलों की तत्काल सुनवाई पर नई व्यवस्था करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मामलों को तत्काल सूचीबद्ध करने और उन पर सुनवाई के लिए मौखिक उल्लेख करने की अनुमति अब नहीं दी जाएगी। उन्होंने वकीलों से इसके लिए ई-मेल या लिखित पत्र भेजने का आग्रह किया। आमतौर पर वकील दिन की कार्यवाही की शुरुआत में CJI की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष अपने मामलों पर तत्काल सुनवाई के लिए उनका मौखिक उल्लेख करते रहे हैं।
चीफ जस्टिस खन्ना ने इस पुरानी परंपरा को बदलते हुए कहा, “अब कोई मौखिक उल्लेख नहीं होगा। केवल ई-मेल या लिखित पर्ची/पत्र के जरिए ही तत्काल सुनवाई के लिए अनुरोध स्वीकार किया जाएगा। बस, उस पत्राचार में वकीलों को तत्काल सुनवाई की आवश्यकता के कारण बताने होंगे।” बता दें कि पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के कार्यकाल के दौरान मौखिक उल्लेख की परंपरा ने वकीलों को मौखिक रूप से तत्काल केस की लिस्टिंग का अनुरोध करने की अनुमति दी थी। हालांकि, इस व्यवस्था का इस्तेमाल आमतौर पर आसन्न गिरफ्तारी के मामलों या पुलिसिया कार्रवाई में अक्सर विध्वंस के मामलों में राहत पाने के लिए किया जाता था।