स्वप्निल कुसाले ने ब्रॉन्ज जीत रचा इतिहास, पेरिस ओलंपिक में भारत को मिला तीसरा मेडल

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पेरिस: अपना पहला ओलंपिक खेल रहे भारत के स्वप्निल कुसाले ने इतिहास रच दिया है। स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में कांस्य पदक जीता। क्वालीफिकेशन में सातवें नंबर पर रहे स्वप्निल ने 451 . 4 स्कोर करके तीसरा स्थान हासिल किया। भारत का इन खेलों में यह तीसरा कांस्य पदक है। इससे पहले मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम वर्ग में कांस्य जीता था।

स्वपिनल कुसाले ने विश्व के नंबर वन निशानेबाज हराकर कांस्य पदक जीता। वह भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले सातवें निशानेबाज हैं। इसके साथ ही वह ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज हैं। चीन के लियू युकुन ने 463.6 अंक के साथ स्वर्ण और यूक्रेन के सेरही कुलिश ने 461.3 का स्कोर कर रजत पदक जीता। 

उसका फोकस नहीं हटे इसलिये फोन भी नहीं किया : स्वप्निल के माता पिता 
मुंबई। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता स्वप्निल कुसाले के माता पिता ने कहा कि उन्हें यकीन था कि उनका बेटा तिरंगे और देश के लिये पदक जीतेगा। स्वप्निल के पिता ने कोल्हापूर में पत्रकारों से कहा, हमने उसे उसके खेल पर फोकस करने दिया और कल फोन भी नहीं किया। उन्होंने कहा, पिछले दस बारह साल से वह घर से बाहर ही है और अपनी निशानेबाजी पर फोकस कर रहा है। उसके पदक जीतने के बाद से हमें लगातार फोन आ रहे हैं। स्वप्निल की मां ने कहा, वह सांगली में पब्लिक स्कूल में था जब निशानेबाजी में उसकी रूचि जगी। बाद में वह ट्रेनिंग के लिये नासिक चला गया।

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