मुख्य विकास अधिकारी ने लगाई धीमी प्रगति वाले विभाग प्रमुखों को फटकार

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देहरादून: मुख्य विकास अधिकारी ने गुरुवार को विकास भवन सभागार में जिला सेक्टर/राज्य सेक्टर/केन्द्र पोषित/वाह्य सहायतित/बीस सूत्रीय कार्यक्रम एवं टास्क फोर्स की बैठक करते हुए प्रगति की समीक्षा की।

समीक्षा के दौरान आवंटित बजट के सापेक्ष जिला योजना का व्यय प्रतिशत 24.42, राज्य सेक्टर व्यय प्रतिशत 67.40 प्रतिशत, केन्द्र पोषित योजनाओं का व्यय प्रतिशत 84.77 तथा वाह्य सहायतित योजनाओं की प्रगति 60.06 रही। उन्होंने विभागों प्रगति बढ़ाने के साथ ही रोस्टरवार कार्यक्रम बनाते हुए क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं की समीक्षा करने के निर्देश दिए।

मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने जिला योजना में व्यय की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विभागों को प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न योजनाओं में जिन विभागों की प्रगति शून्य है ऐसे विभागों को नोटिस जारी करने के निर्देश जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी को दिए। उन्होंने समस्त विभागों को माह नवंबर में होने वाली अगली समीक्षा बैठक तक योजनाओं की प्रगति 80 प्रतिशत करने के निर्देश दिए।

मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि दुरस्त क्षेत्रों में भ्रमण करते हुए विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करें। शून्य प्रगति वाले विभागों में लोक निर्माण विभाग, उरेडा, होम्योपैथिक, ग्राम्य विकास, सामुदायिक विकास, शिक्षा विभाग, पंचायतीराज, खाद्य ग्राम उद्योग, बाल विकास स्वजल विभागों को नोटिस प्रेषित करने के निर्देश दिए।

समीक्षा बैठक में जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी शशिकांत गिरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास अखिलेश मिश्रा, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. विद्याधर कापड़ी, डी.सी नौटियाल वी.के डंगवाल, एल.सी रमोला, राजेश लांबा, मीना बिष्ट, मीनाक्षी जोशी, पी.एस भण्डारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कार्मिक उपस्थित थे।

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