ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर दुनियाभर से शोक संदेश, तीन बार आई थीं भारत
नई दिल्ली: सात दशक ब्रिटेन की महारानी के पद को सुशोभित करने वाली एलिजाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की आयु में गुरुवार को निधन हो गया। उनके निधन के बाद से भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने शोक संवेदना व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी है। करीब सात दशक तक शाही परिवार और ब्रिटेन की रियासत को संभालने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने अपने जीवन काल में तीन बार भारत का दौरा किया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से दुनिया ने एक महान शख्सियत को खो दिया है। एक युग बीत चुका है, जब उन्होंने अपने देश और लोगों को 7 दशकों से अधिक समय तक सम्भाला। मैं यूके के लोगों के दुख में शामिल हूं और परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट में लिखा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक दिग्गज के रूप में याद किया जाएगा। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता का परिचय दिया। उनके निधन से आहत हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं।
मोदी ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान महारानी के साथ अपनी मुलाकात का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2015 और 2018 में यूके की अपनी यात्राओं के दौरान मेरी महारानी एलिजाबेथ-2 के साथ यादगार मुलाकातें हुईं। वर्ष 2015 और 2018 में यूके की अपनी यात्राओं के दौरान मेरी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के साथ यादगार मुलाकातें हुईं। मैं उनकी गर्मजोशी और दयालुता को कभी नहीं भूलूंगा। एक बैठक के दौरान उन्होंने मुझे वह रूमाल दिखाया जो महात्मा गांधी ने उन्हें उनकी शादी में उपहार में दिया था। मैं इसको हमेशा याद रखूंगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विट में लिखा, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर ब्रिटेन के लोगों और शाही परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएं। उनका एक लंबा और गौरवशाली शासन था, उन्होंने अत्यंत प्रतिबद्धता और सम्मान के साथ अपने देश की सेवा की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शोक संदेश में लिखा कि यूनाइटेड किंगडम में सबसे लंबे समय तक शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दुनियाभर में उनकी गरिमा और समर्पण के लिए व्यापक रूप से प्रशंसा मिली। रानी एलिजाबेथ द्वितीय संयुक्त राष्ट्र की एक अच्छी दोस्त थीं और पचास साल से अधिक समय के अलावा दो बार हमारे न्यूयॉर्क मुख्यालय का दौरा किया। मैं महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को उनके लोगों की सेवा करने के लिए उनके अटूट, आजीवन समर्पण के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहूंगा। दुनिया उनकी भक्ति और नेतृत्व को लंबे समय तक याद रखेगी।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शोक संदेश में कहा, यह बड़े दुख की बात है। हमने कनाडा के सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले, महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बारे में जाना। उनकी सेवा हमारे देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहेंगी।
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने लिखा कि हम इस दुख की घड़ी में हमारी सहानुभूति रानी के परिवार के सदस्यों के साथ है। दुख के इस समय में यूनाइटेड किंगडम के लोगों को हिम्मत दे। यूनाइटेड किंगडम में लोगों के साथ हमारा रिश्ता मजबूत और मजबूत हुआ है।
तीन बार किया भारत का दौरा
महारानी एलिजाबेथ ने 1961, 1983 और 1997 में भारत का दौरा किया था लेकिन भारत की आजादी के करीब 15 साल बाद उनकी पहली यात्रा सबसे शानदार थी। भारत पहुंचने के बाद एलिजाबेथ उस स्थान पर (राजघाट) भी गई जहां महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था। वहां पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने अपनी सैंडल को निकाल कर अंदर प्रवेश किया। प्रिंस फिलिप ने भी ठीक ऐसा ही किया था।
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की भारत की यह पहली शाही यात्रा थी। तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर शाही जोड़े की अगवानी की थी। भारत के दौरे के बाद महारानी ने पड़ोसी देश नेपाल और पाकिस्तान का दौरा भी किया। वो जहां भी जाती थीं उनकी झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता था।