इसी सत्र से शुरू होंगे नये राजकीय महाविद्यालय, तैनात किये गए प्रभारी प्राचार्य, 5 नवम्बर तक जारी रहेगी प्रवेश प्रक्रिया
देहरादून: प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि नव सृजित नौ राजकीय महाविद्यालयों में इसी सत्र से कक्षाएं शुरू कर दी जायेगी। शासन द्वारा सभी नये महाविद्यालयों के तत्काल संचालन के लिए नोडल अधिकारी/प्रभारी प्राचार्यां की तैनाती कर दी गई है। नव नियुक्त प्रभारी प्राचार्यों को तत्काल प्रवेश प्रक्रिया शुरू करते हुए आगामी 5 नवम्बर तक जारी रखने के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि सूबे में नव सृजित सभी नौ राजकीय महाविद्यालयों में प्रभारी प्राचार्या/नोडल अधिकारी तैनात कर दिये गये हैं ताकि इन नये महाविद्यालयों में इसी सत्र से कक्षाओं का संचालन शुरू किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि सभी प्रभारी प्राचार्यों को अपने तैनाती स्थल पर योगदान देने के साथ ही महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इन नव सृजित महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया आगामी 5 नवम्बर तक जारी रखने को कहा गया है।
उच्च शिक्षा निदेशालय से प्राप्त प्रस्ताव के क्रम में शासन ने कुमाऊं मंडल के अंतर्गत नव सृजित राजकीय महाविद्यालय हल्द्वानी में डॉ. संजय कुमार, राजकीय महाविद्यालय गदरपुर डॉ. मधुकेश गुप्ता, राजकीय महाविद्यालय दन्यां अल्मोड़ा डॉ.मुकेश कुमार, राजकीय महाविद्यालय ननकमत्ता में डा. अंजलि दुर्गापाल को प्रभारी प्राचार्य/नोडल अधिकारी तैनात किया है।
इसी प्रकार गढ़वाल मंडल में नव सृजित राजकीय महाविद्यालय खिर्सू पौड़ी गढ़वाल में डॉ. अरूण कुमार सिंह, राजकीय महाविद्यालय कल्जीखाल पौड़ी डॉ. रामदुलार सिंह, राजकीय महाविद्यालय देवाल चमोली डॉ. राम नारायण पाण्डे, राजकीय महाविद्यालय भूपतवाला हरिद्वार डॉ. दिनेश कुमार शुक्ल तथा राजकीय महाविद्यालय देहरादून नगर में डॉ. प्रभात द्विवेदी को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है।
निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. पी.के. पाठक ने बताया कि सभी नव नियुक्ति प्रभारी प्राचार्यों को अपने नये तैनाती स्थल पर शीघ्र योगदान देने तथा नव सृजित महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि जिन महाविद्यालयों में जो विषय खोले गये हैं उन में छात्र-छात्राएं सीधे प्रवेश ले सकते हैं। इसके लिए छात्र-छात्राओं को अपने शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की स्व-प्रमाणित छायाप्रतियों के साथ संबंधित प्राभारी प्राचार्यों को प्रार्थना पत्र जमा करना होगा। डॉ. पाठक ने बताया कि महाविद्यालयों में शैक्षणिक एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों की तैनाती भी एक माह के भीतर कर दी जायेगी।