40 पर्यटक सहित कोरोना के 3064 मरीज, 11 मरीजों की मौत
देहरादून: उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर 3064 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। जबकि 11 मरीजों की मौत हुई है। सोमवार को सक्रिय मामले भी 31 हजार पार हो गए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 403465 पहुंच गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक सोमवार को देहरादून में 870, हरिद्वार में 485, नैनीताल में 243, ऊधमसिंह नगर में 529, अल्मोड़ा में 148, चमोली में 169ए टिहरी में 58, पौड़ी में 306, बागेश्वर में 67, पिथौरागढ़ में 37, रुद्रप्रयाग में 25, उत्तरकाशी में 99 और चंपावत जिले में 28 संक्रमित मिले हैं।
अब तक 7491 मरीजों की मौत हो चुकी है। 2985 संक्रमित ठीक हुए हैं। इन्हें मिला कर 356331 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है। वर्तमान में 31280 सक्रिय मरीजों का अस्पतालों और होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। प्रदेश की रिकवरी दर 88.32 प्रतिशत और संक्रमण दर 11ण्76 प्रतिशत दर्ज की गई है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थान 31 तक बंदए रैलियों और धरना.प्रदर्शन पर रोक जारी
सरकारी दफ्तरों में तेजी से पैर पसार रहा कोरोना
हरिद्वार में सरकारी दफ्तरों में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है। अधिकारियों.कर्मचारियों के पॉजिटिव होने से सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है। नया साल शुरू होते ही जनवरी के पहले सप्ताह से कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट की दस्तक और तीसरी लहर की आशंका के बीच बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आ रहे हैं। 23 जनवरी को अधिकतम 961 केस सामने आ चुके हैं। सरकारी दफ्तरों में बड़ी तेजी से कोरोना पैर पसार रहा है।
आए दिन कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। 21 जनवरी को 45 सरकारी कर्मचारी पॉजिटिव मिले थे। 22 जनवरी को कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 68 हो गई। 23 जनवरी को तो अब तक सबसे अधिक 178 सरकारी कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। नगर निगम हरिद्वार में अकेले लगभग सौ कर्मचारी और दो सहायक नगर अधिकारी संक्रमित हो चुके हैं।
विकास भवन में भी करीब 50 कर्मचारी हाल ही में संक्रमित पाए जा चुके हैं। सेल टैक्स विभाग में भी लगभग 20 कर्मचारी पॉजिटिव हो चुके हैं। 23 जनवरी को जिला कोर्ट में भी जिला जज समेत 75 कर्मचारी अधिकारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इससे ये सरकारी विभाग कोरोना के हॉट.स्पॉट बनते जा रहे हैं। सीएमओ डाण् कुमार खगेंद्र सिंह का कहना है कि कर्मचारियों के पॉजिटिव मिलते ही उन्हें होमआइसोलेट कर जरूरी उपचार शुरू कर दिया जाता है।