मुख्यमंत्री योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मन से निकला नोएडा का डर

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लखनऊ: उप्र में नोएडा जाने पर कुर्सी छिन जाने का भय अब गुजरे जमाने का तर्क रह गया है। यह मिथक तोड़ते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिसाल कायम की है। मुख्यमंत्री योगी के इस आत्मविश्वास ने प्रदेश के विपक्ष के नेता दल व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मन से भी नोएडा का भय निकाला है। इसका साफ उदाहरण है कि अब अखिलेश भी मुख्यमंत्री योगी की तरह नोएडा के दौरे पर जाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।

दरअसल, उप्र की राजनीति में एक अंधविश्वास या भ्रम को अपने आत्मविश्वास व निष्ठा से लोगों के दिलों दिमाग से दूर करने में 2017 विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने कर दिखाया। उन्होंने पहली बार उप्र के मुख्यमंत्री की शपथ लेने के नोएडा जाने से कुर्सी छिनने के भय को दूर कर दिया। अपने पहले पांच सालों की जनसेवा करते हुए वह कई बार नोएडा का दौरा करने पहुंचे। इसके बाद अब 2022 विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करते हुए दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और नोएडा जाने का सिलसिला नहीं छोड़ा।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो नोएडा को लेकर विकास के नाम पर जनता को छलने वालों को ही ऐसा भय सताता था कि वहां पहुंचने के बाद उनकी कुर्सी चली जाएगी। लेकिन योगी आदित्यनाथ का जनसेवा भाव, ईमानदारी, निष्ठा ने नोएडा के इस कलंक को धो डाला है। इस बात का जीता जागता उदाहरण वह खुद हैं और जनता ने उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री के रूप में चुना है।

मुख्यमंत्री योगी के आत्मविश्वास ने खोली अखिलेश के आंखों की पट्टी

नोएडा जाकर कुर्सी गंवाने का मिथक दोबारा अूटा है। उप्र में भाजपा की सरकार के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शपथ लेना, इस बात को साबित करता है। अब उनके ही नक्शेकदम पर विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी चल पड़े हैं। योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर ही सपा अध्यक्ष अब पश्चिम का दौरा करते देखे जा रहे हैं। खास बात यह है कि वह अब नोएडा भी जाने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। इस बात को उनका इन दिनों चल रहा पश्चिम उप्र का दौरा सही साबित कर रहा है। अपने दौरे में वह नोएडा के साथ गाजियाबाद, कृष्ण की नगरी मथुरा आदि जगहों पर जा रहे हैं।

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