घटिया निर्माण की खुली पोल, पुलिया टूटी
रुद्रप्रयाग: एनीपीसीसीएल (नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड) के निर्माणाधीन गैड़-गड़गू मोटरमार्ग पर भारी वाहनों के चलने से पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में विभाग एवं कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है।
पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों में एनीपीसीसीएल व कार्यदायी संस्था के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है, जो कभी भी सड़कों पर फूट सकता है। गैड़-गड़गू मोटरमार्ग का निर्माण कार्य मार्च 2019 में शुरू हुआ था।
विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण मार्ग का निर्माण हमेशा विवादों में रहा। ग्रामीणों की मांग पर एक बार एसडीएम ऊखीमठ ने मोटरमार्ग की जांच भी की।
ग्रामीण सितम्बर 2020 में मोटरमार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे. एनपीसीसीएल के अधिकारियों का घेराव कर अपने गुस्से का इजहार भी कर चुके हैं। फिर भी मार्ग निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है।
गैड़-गड़गू मोटरमार्ग पर भारी वाहनों के चलने से पुलिया क्षतिग्रस्त होने से विभाग व कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने पुलिया क्षतिग्रस्त होने के बाद मोटरमार्ग का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को कई बार मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता लाने की गुहार लगाई गई। फिर भी विभागीय अधिकारी मोटे कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता को दरकिनार करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्ग पर बनी पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से विभाग व कार्यदायी संस्था की लापरवाही साफ झलक रही है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण राणा ने कहा कि गैड़-गड़गू दो किमी मार्ग का निर्माण कार्य दो वर्षों में भी पूरा न होने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है।
प्रधान बिक्रम सिंह नेगी ने कहा कि मोटर मार्ग पर जितने भी सुरक्षा दीवालों व पुस्तों का निर्माण हो रहा है, उनमें गुणवत्ता को दर किनार किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को मोटा कमीशन जाने के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है।
पूर्व प्रधान सरिता नेगी, सुदीप राणा, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिव प्रसाद सेमवाल, लवीश राणा ने कहा कि यदि क्षतिग्रस्त पुलिया की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों को शासन-प्रशासन व विभाग के खिलाफ उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। दूसरी ओर विभागीय अवर अभियंता जेपी सकलानी ने कहा कि कार्यदायी संस्था को नोटिस देकर पुलिया के निर्माण में गुणवत्ता लाने के निर्देश दिये गये थे।
मगर संस्था की ओर से कार्य में लापरवाही बरती गई है। सकलानी ने कहा कि कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई है।
वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मोटरमार्ग निर्माण की जांच को लेकर कमेटी गठित की जाएगी और दोषी पाये जाने पर अभियंता व कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से ग्रामीणों में एनीपीसीसीएल व कार्यदायी संस्था के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है, जो कभी भी सड़कों पर फूट सकता है। गैड़-गड़गू मोटरमार्ग का निर्माण कार्य मार्च 2019 में शुरू हुआ था।
विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण मार्ग का निर्माण हमेशा विवादों में रहा। ग्रामीणों की मांग पर एक बार एसडीएम ऊखीमठ ने मोटरमार्ग की जांच भी की।
ग्रामीण सितम्बर 2020 में मोटरमार्ग का निरीक्षण करने पहुंचे. एनपीसीसीएल के अधिकारियों का घेराव कर अपने गुस्से का इजहार भी कर चुके हैं। फिर भी मार्ग निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है।
गैड़-गड़गू मोटरमार्ग पर भारी वाहनों के चलने से पुलिया क्षतिग्रस्त होने से विभाग व कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है। जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने पुलिया क्षतिग्रस्त होने के बाद मोटरमार्ग का निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को कई बार मार्ग के निर्माण कार्य में गुणवत्ता लाने की गुहार लगाई गई। फिर भी विभागीय अधिकारी मोटे कमीशन के चक्कर में गुणवत्ता को दरकिनार करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्ग पर बनी पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से विभाग व कार्यदायी संस्था की लापरवाही साफ झलक रही है।
क्षेत्र पंचायत सदस्य लक्ष्मण राणा ने कहा कि गैड़-गड़गू दो किमी मार्ग का निर्माण कार्य दो वर्षों में भी पूरा न होने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है।
प्रधान बिक्रम सिंह नेगी ने कहा कि मोटर मार्ग पर जितने भी सुरक्षा दीवालों व पुस्तों का निर्माण हो रहा है, उनमें गुणवत्ता को दर किनार किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों को मोटा कमीशन जाने के कारण पुलिया क्षतिग्रस्त हुई है।
पूर्व प्रधान सरिता नेगी, सुदीप राणा, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य शिव प्रसाद सेमवाल, लवीश राणा ने कहा कि यदि क्षतिग्रस्त पुलिया की जांच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों को शासन-प्रशासन व विभाग के खिलाफ उग्र आन्दोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
इसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। दूसरी ओर विभागीय अवर अभियंता जेपी सकलानी ने कहा कि कार्यदायी संस्था को नोटिस देकर पुलिया के निर्माण में गुणवत्ता लाने के निर्देश दिये गये थे।
मगर संस्था की ओर से कार्य में लापरवाही बरती गई है। सकलानी ने कहा कि कार्यदायी संस्था की कार्यप्रणाली की शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई है।
वहीं मामले में जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि मोटरमार्ग निर्माण की जांच को लेकर कमेटी गठित की जाएगी और दोषी पाये जाने पर अभियंता व कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।