सैन्य धाम से युगों-युगों तक शहीदों को याद कर युवा ले सकेंगे प्रेरणा : राज्यपाल
देहरादून: राज्यपाल ने कहा कि सैन्य धाम से युवा युगों-युगों तक शहीदों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे। देश के अन्य वॉर मेमोरियल की केस स्टडी कर सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है जो अपने-आप में अलग रूप में बनेगा।
मंगलवार को गुनियालगांव में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने निर्माणाधीन सैन्य धाम पहुंचकर निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली। इस दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी उपस्थित रहे।
राज्यपाल ने कहा कि सैन्य धाम शहीदों के प्रति सम्मान का एक उत्कृष्ट उदाहरण होगा। सैन्य धाम को पांचवें धाम के नाम से जाना जाएगा और इसका निर्माण भव्य एवं दिव्य रूप में हो इसके लिए चारों धामों से पवित्र मिट्टी भी लाई जाए। जिन सैनिकों ने देश के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है, उन्हें सर्वाेच्च सम्मान मिले। देश के अन्य वॉर मेमोरियल की केस स्टडी कर सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है जो अपने-आप में अलग रूप में बनेगा।
उन्होंने कहा कि यह देश की सेना के शौर्य और गौरवशाली इतिहास को संजोने वाला स्थान होगा। सैन्य धाम में शहीद सैनिकों को सर्वाेच्च सम्मान देने के लिए उनके आंगन से मिट्टी, शहीदों के नाम, लाइट एंड साउंड शो, म्यूजियम व ऑडिटोरियम बनाये जायेंगे, जिससे हमारे युवा आने वाले युगों-युगों तक इन शहीदों को याद कर प्रेरणा ले सकेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि 2023 में पूर्ण होने वाला यह सैन्य धाम पूरे राष्ट्र में एक अलग मिसाल बनेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को इसके निर्माण में पूरी निष्ठा और लगन से कार्य करने को कहा। सचिव सैनिक कल्याण दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने सैन्य धाम निर्माण की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिला अधिकारी देहरादून सोनिका सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि देहरादून के गुनियालगांव में सैन्य धाम का निर्माण हो रहा है जिसे उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से भी जाना जायेगा। सैन्य धाम के लिए प्रदेश के 1734 शहीद सैनिकों के आंगन से कलश में मिट्टी लायी गयी है। इसे यहां बनने वाली अमर जवान ज्योति की नींव में रखा गया है। सैन्य धाम के प्रवेश द्वार का नाम प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम से रखा जायेगा। प्रांगण में बाबा जसवंत सिंह और हरभजन सिंह का मंदिर भी बनाया जायेगा।