विद्युत क्षेत्र के लिए विश्व बैंक मिलेंगे 1600 करोड़ रुपये : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर
शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरूवार को कहा कि भारत सरकार हिमाचल प्रदेश विद्युत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के लिए विश्व बैंक के माध्यम से लगभग 1600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। राज्य की हिस्सेदारी के साथ कुल कार्यक्रम लागत लगभग 2000 करोड़ रुपये होगी।
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत विश्व बैंक से वित्त पोषण अगले वर्ष के आरम्भ तक उपलब्ध होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक और बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा विभाग कार्यक्रम की तैयारी को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं। कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2023 से 2028 तक पांच साल की होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण में सुधार लाना और राज्य के ऊर्जा क्षेत्र को सुदृढ़ करना है। राज्य के बिजली क्षेत्र के संसाधनों के नवीकरणीय उपयोग में सुधार, पारेषण और वितरण स्तर पर राज्य के ग्रिड की विश्वसनीयता में सुधार और राज्यों की ऊर्जा उपयोगिताओं/एजेंसियों की संस्थागत क्षमताओं को और अधिक मजबूत करना इस कार्यक्रम के मुख्य लक्षित क्षेत्र हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक योजना बनाने, मांग प्रतिक्रिया प्रबंधन को बढ़ावा देने, अक्षय ऊर्जा के अन्य स्रोतों के साथ वृहद एकीकरण के दृष्टिगत मौजूदा जलविद्युत परिसंपत्तियों की तकनीकी उपयोगिता में सुधार लाने और राज्य में पैदा होने वाली बिजली के व्यापार के लिए एक टेªडिंग डेस्क स्थापित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। इससे नवीकरणीय संतुलन क्षमता के माध्यम से ऊर्जा के क्रय से राज्य के अर्जित राजस्व में बढ़ोतरी भी हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य एचपीपीसीएल और हिम ऊर्जा के माध्यम से लगभग 200 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्थापित करना है। ऊर्जा व्यापार को बेहतर करने के लिए राज्य की ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करना आवश्यक है और इस कार्यक्रम के माध्यम से राज्य के भीतर ऊर्जा नेटवर्क को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया जाएगा, जिसमें एचपीपीटीसीएल के माध्यम से पारेषण स्तर पर तथा हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के माध्यम से 13 शहरों मेें वितरण के स्तर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।