पुरानी पेंशन बहाली की मांग करने वाले कर्मचारियों ने बनाई नई रणनीति, धामी सरकार की बढ़ी चिंता

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देहरादून: एक बार फिर से सरकार की टेंशन बढ़ने वाली है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर राज्य में आंदोलन तेज होगा। 16 अप्रैल को जिला स्तर पर मार्च निकाला जाएगा। अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली और महासचिव मुकेश रतूड़ी ने कहा कि संगठन पांच सालों से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहा है।

इस आंदोलन को 50 से अधिक मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठनों के साथ ही दस महसंघ का समर्थन मिला है। इसी आंदोलन की बदौलत राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। 16 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों पर पुरानी पेंशन संवैधानिक मार्च निकाला जाएगा। 

एक मई को मोर्चा निकालेगा संसद मार्च

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने भी कांग्रेस विधायकों के विधानसभा सत्र में पेंशन मुद्दे को उठाने पर आभार जताया। राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत और प्रदेश महामंत्री सीताराम पोखरियाल ने कहा कि अब कर्मचारी आंदोलन तेज करेंगे। एक मई को दिल्ली में संसद मार्च किया जाएगा।

फेडरेशन ऑफ मिनिस्टीरियल सर्विसेस एसोसिएशन उत्तराखंड ने अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को आंदोलन का नोटिस भेजा है। नोटिस में शासन को मांगों के निस्तारण को एक महीने का समय दिया। एक महीने में मांगों का हल न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी। एसोसिएशन के अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल और महासचिव मुकेश बहुगुणा ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में जो आश्वासन दिए गए थे, वो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।

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