उत्तराखण्ड राजभवन में होगा वसंतोत्सव का आयोजन

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देहरादून: राजभवन में इस बार फिर वसंतोत्सव की छटा बिखरेगी। 08 व 09 मार्च को वसंतोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस आशय की जानकारी शुक्रवार को राज्यपाल ले.ज. सेनि गुरमीत सिंह की ओर से दी गई है।

उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में पवित्र माने जाने वाले मां यमुना के मन्दिर में अर्पित किए जाने वाली यमुना तुलसी या कुंज पर स्पेशल पोस्टल कवर, डाक विभाग के सौजन्य से जारी किया जाएगा। शुक्रवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में वसंत उत्सव के आयोजन के संबंध में विभिन्न निर्णय लिए गए।

उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोकपर्व फूलदेई के आयोजन के साथ राजभवन में वसन्त उत्सव 2022 का शुभारम्भ किया जाएगा। इस अवसर पर नन्हीं बालिकाओं द्वारा राजभवन प्रांगण में फूलदेई पर्व की औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी तथा उत्तराखण्ड के लोकगीतों के साथ राज्यपाल का स्वागत किया जाएगा। इस वर्ष वंसत उत्सव पर आईएचएम व जीएमवीएन के साथ ही राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों के सौजन्य से फूड कोर्ट स्थापित किए जाएंगे। इसमें राज्य के स्थानीय भोजन को वरीयता दी जाएगी।

वसंतोत्सव 2022 में शहद उत्पादन, इत्र, ऐरामेटिक पौधों, औषधीय जड़ी बूटियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके साथ ही राज्यपाल द्वारा मशरूम, शहद उत्पादन, जड़ी बूटी, जैविक खेती आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच ब्राण्ड अम्बेसडर को सम्मानित किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा है कि खाद्य फूलों के उत्पादन को भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस वर्ष फूलों की प्रदर्शनी के साथ ही विभिन्न प्रकार के सजावटी गमलों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहेगी, ताकि गमले बनाने वाले कारीगरों व छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन मिल सके। इसमें 08 इंच, 10 इंच और 12 इंच के गमलों की तीन श्रेणियों में प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाएगा।

वसंत उत्सव में 05 वर्ष से 18 वर्ष आयु वर्ग के सभी स्कूली बच्चों के लिए पेंटिग प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाएगा। इस चित्रकला प्रतियोगिता में विभिन्न अनाथालयों में रहने वाले बच्चों, दिव्यांग बच्चों तथा रैग पिकर्स बच्चों को भी विशेषरूप से आमंत्रित किया जाएगा। पेंटिग प्रतियोगिता हेतु 21 पुरस्कारों की श्रेणी घोषित की गई है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट (से नि) जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि वसंत उत्सव के माध्यम से उत्तराखण्ड में फ्लोरीकल्चर व ऐरोमेटिक पौधों की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। आशा की जानी चाहिए कि भविष्य में उत्तराखण्ड दुनियाभर में फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में एक बड़े डेस्टिनेशन के रूप में उभरेगा। फूलों की खेती के माध्यम से किसानों की आय को दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि यह आयोजन राज्य के दूर-दराज के पुष्पोत्पादन, जड़ी-बूटी, सगन्ध पौधों तथा अन्य जैविक उत्पादों की व्यावसायिक खेती से जुड़े काश्तकारों- उत्पादकों के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित होना चाहिए।

पुष्प प्रदर्शनी आम जनता के लिए 08 मार्च को दोपहर 12 बजे से सांय 06 बजे तक तथा 09 मार्च को सुबह 10 बजे से सांय 06 बजे तक खुली रहेगी। इस वर्ष कुल 13 श्रेणियों में 147 पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। 08 मार्च को ही सायं संस्कृति विभाग के सौजन्य से लोक कलाकारों द्वारा राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत की जायेगी। फूलों की होली सांस्कृतिक कार्यक्रमों की थीम होगी। आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए बैण्ड के साथ ही अन्य विशिष्ट प्रदर्शनों द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। उत्सव में 33 विभाग व संस्थाएं प्रतिभाग करेंगी। राज्यपाल ने 92 केन्द्रीय संस्थानों को भी इस आयोजन में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। 09 मार्च को ‘पुष्प प्रदर्शनी’ के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को राज्यपाल द्वारा पुरस्कृत करने के साथ ही दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा।

प्रदर्शनी के सम्बंध में हुई बैठक में सचिव डॉ. मीनाक्षीसुन्दरम, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसस्कंरण विभाग डा एच एस बावेजा सहित पर्यटन, उद्यान, आई.टी.बी.पी, आई.एम.ए, ओ.एन.जी.सी, आई.एच.एम, जी.एम.वी.एन, पर्यटन, मौसम, भारतीय डाक, वन विभाग, पुलिस, संस्कृति, वित्त तथा उद्यान विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न केन्द्रीय एवं राजकीय विभागों/संस्थानों के वरिष्ठ प्रतिनिधि आदि भी उपस्थित थे।

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