उत्तराखण्ड में अप्रैल से जून तक भारी बिजली संकट होने की आशंका

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देहरादून: पहले ही ऊर्जा प्रदेश ऊर्जा के लिए तरस रहा है ऊपर से इस बार पर्याप्त बारिश न होने से हालात और बदतर होने वाले हैं। इस बार पिछले की वर्ष की भांति आम जनता को गर्मी में खासा पसीना बहाना पड़ सकता है।

दरअसल बारिश न होने की वजह से गर्मियों में भीषण गर्मी पड़ने की उम्मीद है वहीं राज्य के पास बिजली की भारी कमी है। अभी 31 मार्च तक केंद्र सरकार की अनुकंपा में प्रदेश को विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली दे दी है लेकिन एक अप्रैल से फिर कमी शुरू हो जाएगी, ऐसे में क्या हालात होंगे इसे आप अभी के मौसम को रुख को देखते हुए अंदाज लगा सकते हैं।

फिलहाल इस संकट से उबरने के लिए प्रदेश सरकार अब केंद्र से मार्च 2024 तक के लिए 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) बिजली की मांग करने जा रही है। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि इस बार बारिश कम होने से गर्मी में बिजली की ज्यादा मांग के आसार हैं। फिलहाल 31 मार्च तक के लिए तो केंद्र ने अपने विशेष कोटे से 72 लाख यूनिट बिजली दे दी है लेकिन एक अप्रैल से फिर कमी शुरू हो जाएगी। 

बताया कि गर्मियों के सीजन में बिजली की मांग पिछले वर्षों में पांच करोड़ यूनिट प्रतिदिन तक पहुंची है। इस साल भी यह मांग इतनी जाने की संभावना है। बताया कि गर्मियों के सीजन में सामान्य तौर पर 400 मेगावाट (96 लाख यूनिट) और पीक आवर्स में 800 मेगावाट (1.92 करोड़ यूनिट) तक बिजली की किल्लत हो सकती है। लिहाजा, सरकार अब केंद्र सरकार से मार्च 2024 तक 96 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति गैर आवंटित कोटे से करने की मांग की जाएगी। इधर मुख्यमंत्री  धामी इस संबंध में शुक्रवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात करने वाले हैं।

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