उत्तराखंड विधानसभा की कार्यवाही बजट पेश के दो दिन बाद अनिश्चितकाल के लिए कर दी गई स्थगित
देहरादून: राज्य का बजट पेश होने के दो दिन बाद गुरुवार की रात उत्तराखंड विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई। 15 मार्च को उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 77,407 करोड़ रुपये के आय व्यय वाला बजट पेश किया। प्रमुख घोषणाओं में, राज्य सरकार ने जोशीमठ और अन्य भूमि निर्वाह-प्रवण क्षेत्रों में किसी भी बचाव अभियान के लिए 1,000 करोड़ रुपये के मौद्रिक आवंटन का प्रस्ताव किया।
राज्य की राजधानी देहरादून में मेट्रो सेवा के लिए 101 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं और मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये 2023-24 के लिए आवंटित किए गए हैं। उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में 2022-23 की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवेदन में राज्य की अर्थव्यवस्था से सम्बन्धित आँकड़ों के साथ-साथ विभिन्न विभागों की प्रगति का विवरण उपलब्ध कराया गया है।
वार्षिक दस्तावेज हर साल तैयार किया जाता है और राज्य विधानमंडल के समक्ष बजट सत्र में प्रस्तुत किया जाता है। इसके अनुसार, वर्ष 2020-21 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय (अनंतिम) 185,761 रुपये अनुमानित की गई है, जबकि वर्ष 2021-2022 में यह 205,840 रुपये अनुमानित है। राज्य विधानसभा का बजट सत्र 13 मार्च को भराड़ीसैंण, उत्तराखंड में शुरू हुआ। बजट के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र पर आधारित है।
सीएम धामी ने बुधवार को एएनआई को बताया, “प्रधानमंत्री के मंत्र- सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की अवधारणा के आधार पर वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए एक भव्य बजट पेश किया गया है।” यह बजट “मजबूत उत्तराखंड के हमारे संकल्प को पूरा करने” के लिए एक संतुलित और समावेशी बजट है। सीएम ने कहा कि यह नए उत्तराखंड का बजट है।
(एएनआई)