उत्तराखंड सरकार ने जारी किए चारधाम यात्रा के नए निर्देश, यात्रियों को गुजरना होगा अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया से
चारधाम यात्रा अप्रैल 2023 के महीने में शुरू होने वाली है।
देहरादून (एएनआई): उत्तराखंड सरकार ने अपने ताजा फैसले में दूसरे राज्यों या विदेश से आने वाले हर तीर्थयात्री को अनिवार्य पंजीकरण प्रक्रिया से गुजरना होगा बिना रजिस्ट्रेशन के किसी को भी यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस संबंध में उत्तराखंड सरकार ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र भेजा है। मुख्य सचिव एसएस संधू उत्तराखंड सरकार ने कहा कि इस बार चारधाम यात्रा में पिछली बार से ज्यादा तीर्थयात्री आने का अनुमान है, इसलिए कई नई व्यवस्था की गई है। उन्होंने आगे कहा कि इस बार आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा।
उत्तराखंड सरकार भी हर राज्य में सभी भाषाओं में अखिल भारतीय समाचार पत्र विज्ञापन के माध्यम से इस विकास से संबंधित जानकारी फैलाने की योजना बना रही है। इस पर संधू ने कहा, ‘पर्यटन विभाग हर राज्य की भाषा में अखबारों में विज्ञापन देगा ताकि लोगों को पता चल सके कि इस बार यात्रा के लिए क्या नियम बनाए गए हैं। सरकार ने यह व्यवस्था इसलिए की है ताकि भीड़ इकट्ठी न हो। चारों धामों में और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न न हो और तीर्थयात्री अच्छे दर्शन कर सकें।
उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में हालिया भूमि धंसने से इस बार चारधाम की यात्रा ने एक अलग आकार ले लिया है, जिसे पवित्र बद्रीनाथ बांध तक पहुंचने का अंतिम पड़ाव भी माना जाता है। 21 फरवरी 2023 को हुई समीक्षा बैठक में कुछ कड़े फैसले लिए गए हैं। सभी विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने और यात्रा पूर्व तैयारियों को पहले से पूरा करने का आदेश दिया गया है। बद्रीनाथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सीमा सड़क संगठन का एक दल नियमित रूप से जोशीमठ में रहेगा। गौरतलब है कि बारहमासी चारधाम यात्रा मार्ग का निर्माण पहले ही रुका हुआ है। मुख्यमंत्री धामी ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मुद्दे के महत्व पर ध्यान देते हुए कहा, उत्तराखंड के चारधाम श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि सभी श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित रहे
(एएनआई)