पाकिस्तान के सिंध में मानवाधिकार हनन पर अमेरिकी संसद चिंतित
वाशिंगटन: पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लगातार हो रही मानवाधिकार हनन की घटनाएं पूरी दुनिया को परेशान कर रही हैं। अब अमेरिकी संसद ने इन पर चिंता जताते हुए सिंधियों के मानवाधिकारों का सम्मान करने की मांग की है।
अमेरिकी संसद में चर्चा के दौरान सांसदों ने पाकिस्तान में सिंधी लोगों पर वर्षों से किए जा रहे मानवाधिकार हनन के खिलाफ सिंधियों को मजबूत समर्थन देने की बात कही। अमेरिकी सांसदों ने बताया कि कैसे पाकिस्तान की सरकार के उच्च पदों पर मौजूद सिंधी व्यक्तियों तक को लंबे समय तक जेल में डाल दिया जाता है। 2022 तक पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय में एक भी सिंधी भाषी न्यायाधीश नहीं रहा, जबकि सिंधी समुदाय को यहां ईशनिंदा, पिटाई, उत्पीड़न और जबरन गायब होने जैसे कई अपराधों में घोर अमानवीय यातनाएं दी जाती हैं।
अमेरिकी संसद में प्रतिनिधि कैरोलिन मैलोनी ने पाकिस्तान के सिंध प्रांत में इस समुदाय के हालात पर चिंता भी जताई। मैलोनी ने पाकिस्तान के तीसरे सबसे बड़े सिंध प्रांत में हो रहे मानवाधिकारों के हनन को लेकर चिंता जताई। उन्होंने संसद में कहा कि यहां पर सिंधी समुदाय को अनुचित सरकारी जांच में फंसाया जा रहा है। दुनिया में कट्टरपंथ के खिलाफ संघर्ष में अमेरिका के लिए पाकिस्तान के साथ सार्वजनिक कूटनीति को बनाते हुए कट्टरपंथियों का विरोध जारी रखना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। पाकिस्तान में सिंधी समुदाय के लोग मानवाधिकारों के लिए सम्मान के पात्र हैं, चाहे वे किसी भी पंथ या आस्था के हों। उन्होंने हर हाल में मानवाधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने की मांग की।
हिन्दुस्थान समाचार