पत्रकारिता में पारदर्शिता और स्वच्छता भी आवश्यक: गणेश जोशी

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देहरादून: पत्रकारिता का काम तलवार की धार पर चलने वाला काम है लेकिन पहले की पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता में बहुत अंतर आया है। आज पत्रकारिता श्रृव्य दृश्य माध्यमों से होने के कारण उसकी पहुंच और मांग दोनों बढ़ी है। पहले की पत्रकारिता ईमानदारी, पारदर्शिता और स्वच्छता की पत्रकारिता थी।

यह विचार ऑल मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन उत्तराखंड के प्रथम अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पहले फोटो कैमरे के होते थे, उन्हें निकलवाने के लिए भी समय लगता था लेकिन अब तुरत-फुरत की पत्रकारिता है। अभी हमने कार्यक्रम किया और परिणाम हमारे सामने है। उन्होंने कार्यक्रम के आयोजक रवीन्द्र नाथ कौशिक की सच्ची और ईमानदार पत्रकारिता की भी चर्चा की और उनसे जुड़ा एक संस्मरण सुनाया। उन्होंने कहा कि अब पत्रकारिता में काफी बदलाव आया है। आप जिसके साथ खड़े नहीं दिखते वह आपके पक्ष के समाचार कम लिखता है। उन्होंने प्रकारान्तर में पत्रकारिता को साफ सुथरी होने का आग्रह किया तथा कहा कि पत्रकारिता जितनी पवित्र होगी उतना ही समाज और सुधरेगा। उन्होंने समसामयिक विषयों पर भी चर्चा की।

महापौर सुनील उनियाल गामा ने पत्रकारिता के स्तंभों तथा कुछ पुराने पत्रकारों का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय की पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता में काफी अंतर है, यह समय की मांग भी है। उन्होंने कुछ नामों का उल्लेख करते हुए कहा कि पत्रकारिता में आदर्श शुचिता और समाचारों में घालमेल नहीं किया जाना चाहिए। सुनील उनियाल गामा ने कहा कि पत्रकारिता में मिलावट होना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर सामाजिक ताने बाने को और व्यवस्थित करें ताकि समाज और पत्रकारिता दोनों अपनी अस्मिता को और प्रभावकारी बनाएं।

सूचना महानिदेशक अपर सचिव बंशीधर तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता मूल्यों पर आधारित हो, वह ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। उन्होंने पत्रकारिता के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि पत्रकारिता को जनोपयोगी, समाजोन्मुखी तथा अवसर के अनुकूल बनाना चाहिए। श्री तिवारी ने कहा कि अब पत्रकारिता में कई महत्वपूर्ण आयाम जुड़ते जा रह हैं। मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया जैसे आयामों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम सबको समाचारों में सत्यता, यथार्थ तथा जनपक्ष का ध्यान रखना चाहिए। आज की पत्रकारिता पंथ निरपेक्ष पत्रकारिता होने वाली है।

उन्होंने कहा कि पहले की पत्रकारिता में कुछ मान्यताओं और व्यवस्थाओं का ध्यान रखा जाता है, लेकिन अब हम मुक्त हृदय से पत्रकारिता कर सकते है लेकिन दूसरों की व्यवस्थाओं और भावनाओं का ध्यान रखें, एकांगी पत्रकारिता उचित नहीं है। ऑल मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन उत्तराखंड के पदाधिकारियों से आग्रह किया कि सूचना विभाग यथोचित सुविधाओं के लिए सदैव उपलब्ध रहेगा।

इस अवसर पर नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन भारत के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक मलिक ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारिता को जनसामान्य के लिए प्रयुक्त किया जाना चाहिए, साथ ही साथ राष्ट्र तथा समाज का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे शब्दों और प्रयासों से ऐसा न लगे कि हम वर्ग विशेष, पंथ विशेष अथवा समाज विशेष के लिए पत्रकारिता कर रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा पत्रकारिता के लिए गठित आयोगों तथा उनके उपयोग पर भी चर्चा की और कहा कि इन आयोगों का उपयोग पत्रकारों के लिए न के बराबर हो रहा है, मात्र एक या दो प्रतिशत लोग ही उससे लाभान्वित हो रहे हैं।

कार्यक्रम के अध्यक्ष बृजेन्द्र हर्ष जिन्हें एसोसिएशन का कार्यकारी अध्यक्ष मनोनीत किया गया है ने उपस्थित मंच तथा पत्रकारों का अभिनंदन करते हुए कहा कि पत्रकारिता कैसे और प्रभावी बनाई जाए यह ऑल मीडिया जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि हम सब समाज के घटक के रूप में अपने को मानकर पूरी तरह समाजोन्मुखी काम करें। यह अवसर की मांग है।

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कुछ विशिष्ट पत्रकारों का भी सम्मान किया गया। इनमें मनोज ईष्टवाल, नागेन्द्र उनियाल, राम प्रताप मिश्र साकेती तथा समाजसेवी विजय स्नेही को अंग वस्त्र एवं सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में जो प्रमुख लोग उपस्थित थे उनमें तेजराम सेमवाल, गिरधर शर्मा, नीरज कोहली, जय सिंह रावत, रवि अरोड़ा समेत भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।

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