प्रतिभागियों को हर्बल गुड और पाचक चूर्ण बनाने का दिया प्रशिक्षण

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हरिद्वार: गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में पांच दिवसीय पौष्टिक और हर्बल फॅार्मुलेशन प्रशिक्षण कार्यशाला में आज प्रतिभागीयों ने हर्बल गुड एवं पाचक चूर्णघ् बनाने का प्रशिक्षण लिया।

हर्बल फार्मुलेशन प्रशिक्षण कार्यशाला का आज दूसरा दिन था जिसमें प्रतिभागियों को हर्बल गुड़ बनाना सिखाया गया। हर्बल गुड़ में मुख्यतः गुड़, तिल, औषधीय जड़ी-बूटी एवं गाय का घी उपयोग किया जाता है जिसमें आवश्यकता अनुसार औषधिय जड़ी-बुटियों जैसे सौफ, काली मिर्च, मुलेठी, पिपली, तेजपत्ता एवं आवलॉ आदि के अनुपात को बदला जा सकता है। हर्बल गुड़ का उपयोग जुकाम, पाचन एनीमिया, लिवर डि़टोक्सिफिकेशन, ब्रोकाइटिस, रक्तचाप, हदय एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए किया जाता है।

कार्यक्रम के अध्यक्ष वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष, प्रो. नवनीत ने बताया कि गुड़ केवल खाद्य पदार्थ या मिठाई का विकल्प ही नहीं बल्कि यह सेहत का खजाना हैं एवं एंटीटाक्सिन एवं एटीआक्डिंट का भी काम करता हैं। साथ ही साथ त्वचा में प्राकृतिक निखार, खुन की कमी एवं थकावट को भी दूर करता हैं। आज प्रतिभागियों को स्वास्थ्य वर्धक एवं रोग प्रतिरोधक अक्षमता बढाने वाला पाचक चूर्ण बनाना सिखाया गया।

इस अवसर पर शिक्षक डॉ. वरिन्दर विर्क, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. विनित कुमार विश्नाई, एवं शिक्षेत्तर कर्मचारी अमरीश कुमार, अरूण कुमार, शिव कुमार, मनोज सिहं, गुरूप्रीत सिह एवं शोध छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।

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