हिमाचल में भाजपा को छोड़ने वाले तीन नेताओं की हुई वापसी

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शिमला: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज़ हो गई हैं। चुनावी सीजन में भाजपा पराये हो चुके अपने नेताओं की घर वापसी में लगी है। इसी कड़ी में पार्टी का दामन छोड़ने वाले तीन नेताओं की घर वापसी हो गई है। इन नेताओं में शिमला जिले के जुब्बल कोटखाई विधानसभा से चेतन बरागटा, हमीरपुर से उर्मिल ठाकुर और धर्मशाला से राकेश चौधरी का नाम शामिल है। इन तीनों ने वीरवार को शिमला स्थित पार्टी कार्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में पार्टी का दामन थामा।

तीनों नेता पार्टी का टिकट नहीं मिलने पर नाराज होकर भाजपा से बागी हो गए थे।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने बताया कि चेतन, उर्मिल और राकेश की घर वापसी से भाजपा को मजबूती मिलेगी और हम आक्रामक तरीके से चुनाव की ओर बढ़ेंगे।

बता दें कि चेतन बरागटा पूर्व मंत्री व भाजपा के दिग्गज नेता स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा के बेटे हैं। उनकी लगभग 9 माह बाद पार्टी में वापसी हुई है। दरअसल नरेंद्र बरागटा के निधन के कारण अक्तूबर 2021 में जुब्बल सीट पर हुए विस उपचुनाव में भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और लगभग छह हजार मतों से पराजित हो गए थे। ये सीट कांग्रेस की झोली में गई थी, जबकि भाजपा की नीलम सरैक की जमानत जब्त हो गई थी। भाजपा में वापसी के बाद पार्टी की टिकट पर चेतन बरागटा ने कहा कि जो भाजपा आलाकमान का आदेश होगा, वो उन्हें मंजूर होगा। भाजपा में लौटने पर वह संगठन के लिए समर्पित भाव से काम करेंगे।

भाजपा में वापसी करने वाला दूसरा नाम राकेश चौधरी है, जो पिछले विधानसभा चुनाव में नाराज होकर पार्टी छोड़कर चले गए थे। राकेश चौधरी ने धर्मशाला से पिछली बार टिकट न मिलने की वजह से भाजपा का दामन छोड़ा था। तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। जिसमें उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। हालांकि वह 17 हज़ार वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे थे और कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी। यह सीट भाजपा ने जीती थी। राकेश चौधरी ने इसी साल मार्च महीने में उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा था। आज वह आप का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुए।

भाजपा में घर वापसी करने वालों में तीसरा नाम उर्मिल ठाकुर का है। उर्मिल ठाकुर की लगभग 8 साल बाद भाजपा में वापसी हुई है। वह हमीरपुर से दो बार भाजपा की विधायक रही हैं। धूमल सरकार में वह मुख्य संसदीय सचिव भी रहीं। उर्मिल ठाकुर भाजपा के कदावर नेता रहे स्वर्गीय ठाकुर जगदेव ठाकुर की बहू हैं।

वह वर्ष 2014 में भाजपा से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गईं। हालांकि उर्मिल को कांग्रेस में शामिल होने पर न टिकट मिली और न ही वो मान-सम्मान जो भाजपा में था। उनकी लंबे समय से भाजपा में वापसी की बात चल रही थी।

बहरहाल इन नेताओं की घर वापसी से भाजपा ने रूठे नेताओं को मनाने की कवायद तेज कर दी है।

ये तीनों नेता भाजपा के पुराने कार्यकर्ता हैं औऱ अपनी अपनी विधानसभाओं में मजबूत पकड़ रखते हैं। लिहाजा विधानसभा चुनाव 2022 से ठीक पहले भाजपा द्वारा घर वापसी कराई गई इन तीनो नेताओं के भाजपा में आने से पार्टी को इनकी विधानसभाओं में मजबूती मिलेगी।

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