हिमाचल के तीन परिवारों ने अपनी आंखों से देखा खौफनाक मंजर, बादल फटने के बाद टापू में फंस गए थे बच्चे

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सोलन: अमरनाथ यात्रा पर गए हिमाचल प्रदेश के बद्दी के तीन परिवार मौत के मुंह से निकलकर बालटाल पहुंच गए हैं। उन्होंने अपनी आंखों के सामने मौत का मंजर देखा। पुलिस की मदद से पंचतरणी पहुंचने के बाद यहीं रात भर रुके। शनिवार दोपहर बाद मौसम खुलने के बाद देर शाम को बालटाल पहुंचे। उधर, बादल फटने की सूचना मिलते ही बीबीएन से यात्रा पर गए इन परिवारों के परिजन सहम गए थे। इनके सुरक्षित होने की सूचना मिलने पर परिजनों ने राहत की सांस ली है। 

बद्दी से गुरमीत सिंह, सोनिया, पल्लवी, पीयूष, सुरजीत सिंह, राणो देवी, सुरुचि, सुनिधि, बलजीत और कुलवंत कौर बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के बाद लौट रहे थे तो एक किलोमीटर आगे अचानक तेज बारिश के साथ पानी भर गया। उनके आगे और पीछे बड़े-बड़े टापू बन गए। वह तो किसी तरह से निकल गए, लेकिन बच्चे पल्लवी, पीयूष, सुनिधि और सुरुचि पानी में फंस गए। सेना के जवान ड्यूटी पर तैनात थे। उन्होंने बच्चों को पानी से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पानी बढ़ता देखकर वे बुरी तरह से डर गए थे। 

पुलिस और सेना के जवानों ने उन्हें आगे जाने के लिए मना किया। प्रशासन ने पंचतरणी में सीधी जगह पर लगे टेंट में जाने के लिए कहा। पूरी रात उन्होंने टेंट में बिताई। शनिवार को मौसम खुलने के बाद सेना के जवानों ने बालटाल के लिए जाने को कहा। बद्दी से अन्य 13 सदस्यों का एक जत्था भी एक घंटा पहले घटनास्थल से रवाना हुआ है।

लोधी माजरा के राजेंद्र चौधरी, जोगा सिंह, श्यामलाल, आदित्य चौधरी, संजू गुज्जर, ऋषभ चौधरी, सतविंद्र कौर, राममूर्ति, सोचा चौधरी, रीना, मीनाक्षी, मनदीप कौर, जश्न चौधरी भी साढ़े तीन बजे वहां से रवाना हुए और पांच बजे के आसपास बादल फट गया। बादल फटने की सूचना मिलने के बाद यात्रा पर गए लोगों के परिजन डर गए और लगातार उनसे संपर्क बनाए रखा। फोन पर बातचीत होने पर परिजनों ने राहत की सांस ली। उधर, एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर ने बताया कि बीबीएन से जो भी यात्री अमरनाथ गए थे, वे सभी सकुशल हैं और घर आ रहे हैं। 

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