सूर्य देव की सवारी 7 घोड़ों और क्या है इंद्रधनुष का संबंध जानिये

0 0
Read Time:2 Minute, 40 Second

धर्म-कर्मः हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य देव की आराधना का दिन माना गया है. सूर्यदेव जिन्हें एक प्रमुख देव का दर्जा दिया गया है और रविवार के दिन नियमित तौर पर उनकी पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में विशेष तौर पर सूर्य देव को अघ्र्य देने की परंपरा है. ऐसा माना जाता है जो भी व्यक्ति सूर्योदय के दौरान सूर्यदेव को जल अर्पित करता है, उसको अपने जीवन में अवश्य ही तरक्की और सफलता प्राप्त होती हैं.

सूर्य देव को जल चढ़ाते समय अगर आप उसमें लाल रंग का फूल, चावल, मिश्री या कुमकुम मिलाते हैं, तो ऐसा करने से आपके जीवन में आ रही सारी बाधाएं दूर होती हैं. इसके साथ ही सूर्यदेव अपना आशीर्वाद भी आपके ऊपर बनाए रखते हैं.

सूर्य देव की आराधना करने से व्यक्ति को अपने जीवन में अनेकों लाभ होते हैं, हमारे आज की इस लेख में हम आपको सूर्य देव की सवारी सात घोड़ों के बारे में बताएंगे. आखिर सूर्य देव (Surya Dev) की सवारी घोड़े क्यों हैं? और इनका इंद्रधनुष से क्या संबंध है. तो चलिए जानते है..

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो सप्ताह में 7 दिन होते हैं और सूर्यदेव जिनकी वजह से दिन और रात में अंतर स्पष्ट होता है. सूर्य देव की सवारी इसी वजह से सात घोड़े होते हैं, इस दौरान सूर्यदेव (Surya Dev) के साथी अरुण होते हैं, जोकि धरती पर प्रकाश का द्योतक कहलाते हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य देव की सवारी सात घोड़ों का रंग अलग-अलग होता है, जोकि मिलकर इंद्रधनुष बनाते हैं, इस प्रकार सूर्य देव की सवारी सात घोड़ों को इंद्रधनुष का प्रतीक माना जाता है.

सूर्य देव की वजह से ही धरती पर ऊर्जा और प्रकाश मौजूद है, ऐसे में सूर्य देव की उपासना का विशेष धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व मौजूद है.

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %