नई शिक्षा नीति में मूक है आनलाइन शिक्षा का मुख्य आधारः डॉ. सुनील बत्रा
हरिद्वार: एसएमजेएन पीजी कॉलेज के आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा दो दिवसीय फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षा में तकनीकी उन्नयन और मूक की रचना पर आधारित था।
कार्यक्रम का प्रारम्भ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय आनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में हुई वर्तमान प्रगति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने बताया कि कोविड काल में भी जब सम्पूर्ण देश में लॉकडाउन था उस समय भी महाविद्यालय के प्राध्यापक साथियों ने बढ़-चढ़कर आनलाइन कंटेंट की रचना की और राज्य सरकार द्वारा संचालित एडुसेट कार्यक्रम में अपने व्याख्यानों को सम्मिलित किया। डॉ. बत्रा ने आश्वस्त किया कि आनलाइन शिक्षण के क्षेत्र में हमारा महाविद्यालय निरन्तर बदलती तकनीक के साथ स्वयं को समायोजित करने में पीछे नहीं रहेगा। डॉ. बत्रा ने कहा नयी शिक्षा नीति में मूक आनलाइन शिक्षा का मुख्य आधार स्तम्भ है।
कार्यक्रम के की-नोट स्पीकर विनय थपलियाल ने कहा कि यूजीसी की 2021 की नियमावली के तहत अब यह प्रत्येक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय का कर्तव्य है कि वह आनलाइन स्टडी कंटेंट की रचना करे और उसे सुलभता से प्रत्येक छात्र-छात्रा को उपलब्ध कराये। उन्होंने मूक की आधारभूत संकल्पना को स्पष्ट करते हुए बताया कि मूक का आशय मैसिव आनलाइन ओपन कोर्स है, इसमें प्राध्यापकों को वीडियो लेक्चर, टेक्स्ट कंटेंट, ई-एसेसमेंट तथा डिस्कसन के चार स्तम्भों के माध्यम से अपना आनलाइन कंटेंट स्थापित करना होता है। संयोजक आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी, कम्प्यूटर विज्ञान विभाग की शिक्षिका नेहा गुप्ता ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में डॉ. मन मोहन गुप्ता, डॉ. जगदीश चन्द्र आर्य, डॉ. सुषमा नयाल, डॉ. रूचिता सक्सेना, कु. अन्तिम त्यागी, श्रीमती रिंकल गोयल, वैभव बत्रा, श्रीमती कविता छाबड़ा, डॉ. विनीता चौहान, दिव्यांश शर्मा, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. रेनू सिंह, श्रीमती साक्षी अग्रवाल, मोहन चन्द्र पाण्डेय सहित समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।