लामखागा दर्रे में घायल हुई पर्वतारोही महिला को सुरक्षित निकाला
किन्नौर/रिकांगपिओ: लामखागा दर्रे में पर्वतारोहण के दौरान घायल हुई एक पर्वतारोही महिला को चार असम रेजिमेंट के जवानों ने सुरक्षित रेस्क्यू किया है। घायल महिला को सेना के अस्पताल मे प्राथमिक उपचार देने के बाद क्षेत्रीय चिकित्सालय रिकांगपिओ में भर्ती करवाया गया है ।
जानकारी के अनुसार ट्रांस हिमालय की गगनचुंबी चोटियों व दर्रो को फतह करने निकला 11 सदस्य महिला पर्वतारोहीयो के दल की एक महिला विमला देवी दिवासक मंगलवार को लामखागा दर्रे पर फिसलने के कारण घायल हो गई थी। जैसे ही इसकी सूचना ट्राई पीक हिमालय की इकाई चार असम रेजीमेंट को मिली तो तुरंत सेना के जवानों के एक दल ने रेस्क्यू अभियान आरम्भ किया।
जिला मुख्यालय में सेना से प्राप्त सूचना के अनुसार महिला पर्वतारोहियों का एक दल माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली देश की प्रथम महिला पद्म बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में गत दिनों उत्तराकाशी के हर्षल से लामखागा दर्रे को पार करते हुए किन्नौर जिले के लिए रवाना हुआ था। जिसने हिमाचल प्रदेश में स्थित लामखागा दर्रे में 5 जुलाई को प्रवेश किया। इस दौरान एक पर्वतारोही महिला विमला देवी दिवासक लामखागा दर्रे के पास चोटिल हो गई। इसकी सूचना मिलते ही चार असम रेजीमेंट के जवानों ने विपरीत मौसम व दुर्गम भोगौलिक परिस्थितियों के वावजूद समझदारी व सूझभूज के साथ घायल पर्वतारोही महिला को सुरक्षित निकाला।
उलेखनीय है कि 12 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फिट इंडिया मिशन के तहत 50 वर्ष की उम्र पार कर चुकी 11 पर्वतारोही महिलाओं का एक दल भारत-म्यामांर सीमा पर स्थित पांगसायु से टाईगर हिल तक पर्वतारोहण के लिए पद्म बिछेंद्री पाल के नेतृत्व में रवाना हुआ था। यह दल अरुणाचल, असम, पश्चिमी बंगाल, सिक्कम, उतराखण्ड व हिमाचल होते हुए लगभग 5000 किलोमीटर की दूरी व 37 पर्वती दर्रों को पार करते हुए 5 माह में टाईगर हिल पहुंचेगा।