नरक चतुर्दशी का महत्व, पूजा विधि और मंत्र
धर्म-संस्कृतिः सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन दिवाली से एक दिन पहले पड़ने वाली नरक चतुर्दशी को बेहद ही खास माना जाता है जिसे छोटी दिवाली, यम चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। यम चतुर्दशी के दिन यम के नाम का दीपक जलाना शुभ माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से यम देवता प्रसन्न होकर कृपा करते हैं इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन दान पुण्य के कार्य करना भी उत्तम होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है इस साल नरक चतुर्दशी का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा, तो आज हम आपको इस पर्व से जुड़ा शुभ मुहूर्त व अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
नरक चतुर्दशी तिथि का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल नरक चतुर्दशी का पर्व 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसकी तिथि दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन अगले दिन यानी की 31 अक्टूबर को शाम 3 बजकर 52 मिनट पर हो जाएगी। इस दिन दीपदान करने का भी खास महत्व होता है इसके साथ ही नरक चतुर्दशी के दिन यम के नाम का दीपक भी जलाया जाता है ऐसा करने से यम देवता की कृपा बनी रहती है।
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे. और कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम: का जाप करना भी उत्तम होता है इससे जीवन की दुख परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।