हिप्र का हरित आवरण 2030 तक 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य: मुख्यमंत्री सुक्खू
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को कहा कि राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हरित आवरण है और प्रदेश सरकार ने इसे वर्ष 2030 तक बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। शिमला में आयोजित जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन (जाईका) एजेंसी की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) की तीन दिवसीय 12वीं वार्षिक कार्यशाला को धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए सुक्खू ने यह बात कही।
सुक्खू ने कहा कि वर्तमान में, राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हरित आवरण है और प्रदेश सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लिए जाईका द्वारा वित्त पोषित वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पिछले दो वर्षों में, उन्नत तकनीकों की मदद से चार हजार 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है। सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने तथा 60 लाख से अधिक महत्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेश की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका और अन्य रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए वन संसाधनों पर अधिक निर्भर है।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज तथा वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। सुक्खू ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की।
जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिम कम करने के लिए 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को वनों के सुधार के दृष्टिगत प्रशिक्षित किया गया है।