“प्रदेश में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है”-गरिमा मेहरा दसोनी

0 0
Read Time:5 Minute, 2 Second

देहरादून: उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसोनी ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से उत्तराखंड सरकार पर बड़ा निशाना साधा है| उन्होंने शिक्षा मंत्री पर विभाग कि स्थिति को लेकर गंभीर न होने का आरोप लगाया है| शिक्षा पर चल रही लापरवाही को दीखते हुए गरिमा ने परदेश में सरकार कि जगह सर्कस के चलने का दावा किया है|

गरिमा मेहर ने कहा कि, उत्तराखंड 21 वर्षों से लगातार शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की दुर्दशाओ को लेकर चर्चा में बना हुआ है। लेकिन विडंबना यह है कि प्रचंड बहुमत और डबल इंजन सरकार होने के बावजूद भी शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में परिवर्तन होने के बजाय इसे और खड्डे में ले जाने का काम किया है।

शिक्षा विभाग में जिस तरह का सर्कस चल रहा है उसे देखकर इतना ही कहा जा सकता है कि शिक्षा मंत्री शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग की स्थिति को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और तो और नौनिहालों के भविष्य को मंत्री महोदय ने बेहतर करने के बजाय अंधकारमय कर दिया है।

गरिमा ने कहा, मंत्री साहब ने दो शिक्षक जो कि देहरादून में शिकायत प्रकोष्ठ में काम करते हैं, उनको अपनी सोशल मीडिया में खुद के प्रचार प्रसार करने की जिम्मेदारी दे रखी है ।
ये सारा मामला हत्प्रभ करने वाला है कि 2017 में सरकार गठन के बाद भाजपा सरकार ने अस्थाई राजधानी देहरादून में एक शिक्षक शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया हुआ है| रसूखदार पांच शिक्षकों को इस प्रकोष्ठ में नियुक्ति दी गयी लेकिन यह शिक्षक किसी के भी प्रति जवाबदेह नहीं है।

दसोनी ने कहा कि, ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रदेश में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है| प्रदेश में अधिकारियों की एक लंबी चौड़ी फौज होने के बावजूद शिक्षा विभाग के शिक्षकों की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए पांच चुनिंदा शिक्षकों को देहरादून में अटैच करने का मकसद क्या है? जिनकी हाजिरी का या उपस्थिति का कोई रिकॉर्ड निदेशालय के पास नहीं है। हैरान करने वाली बात तो यह है इनमें से 2 शिक्षक प्रणव बहुगुणा और शैलेंद्र जोशी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का फेसबुक और ट्विटर अकाउंट हैंडल कर रहे हैं।
5 में से 2 शिक्षक भौतिक विज्ञान के हैं जो कि अति महत्वपूर्ण विषय है। जिस प्रदेश में पहले ही शिक्षकों का टोटा चल रहा हो वहां सत्ता का दुरुपयोग करके और प्रदेश के बच्चों की शिक्षा के साथ इस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है यह अपने आप में बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है ।

वही शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे पर सवाल उठाते हुए दसोनी ने कहा कि, सोशल मीडिया को हैंडल करने के लिए प्राइवेट लोग भी हायर किए जा सकते हैं परंतु शिक्षकों को अपना सोशल मीडिया चलाने के लिए इस्तेमाल करना मंत्री महोदय की छोटी सोच और भ्रष्टाचारी प्रवृत्ति ही दर्शाती है| जब बड़े बड़े अफसर ही शिक्षा विभाग की समस्याओं का निस्तारण नहीं कर पा रहे हैं तो यह 5 शिक्षक कौन सा कद्दू में तीर मार लेंगे।और तो और औचक निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 5 में से 1 शिक्षक भी शिकायत प्रकोष्ठ में मौजूद नहीं था| इसे प्रदेश की विडंबना ही कहा जा सकता है कि 21 साल बाद भी यह प्रदेश अच्छी शिक्षा व्यवस्था और अच्छे जन प्रतिनिधियों की बाट जो रहा है, इसे उत्तराखंड राज्य का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि राज्य का शिक्षा मंत्री इतनी निचली हरकत पर उतर आया है|

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %