कुल्लू में मनाया अन्नकूट उत्सव ,भगवान रघुनाथ को लगाया नए अनाज का भोग

0 0
Read Time:2 Minute, 46 Second

कुल्लू: कुल्लू जिले में अन्नकूट का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने बड़ी संख्या में भगवान रघुनाथ के मंदिर पहुंचकर उनका आशीर्वाद लिया। अन्नकूट त्यौहार को गोवर्धन पूजा से भी जाना जाता है। कुल्लू में इस दिन भगवान रघुनाथ को नए अनाज का भोग लगाया जाता है। इस मौके पर भगवान रघुनाथ का श्रृंगार करके चावल का पहाडऩुमा ढेर लगाकर उस पर उन्हें विराजमान करवाया जाता है। माना जाता है कि जिस तरह से भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर गौवंश व ग्वालों की रक्षा की थी उसी तरह कुल्लू में मनाए जाने वाले अन्नकूट त्यौहार को भी गोवर्धन पूजा से जोड़ा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान रघुनाथ को नया अनाज चढ़ाए जाने से भगवान रघुनाथ फसलों की रक्षा करते हैं और अन्न की कमी न होने का आशीर्वाद देते हैं।

अन्नकूट त्यौहार हर वर्ष दीवाली के दूसरे या तीसरे दिन मनाया जाता है, जिसके लिए शास्त्र पद्धति के अनुसार दिन का चयन किया जाता है। भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि कुल्लू में अन्नकूट को गोवर्धन पूजा के नाम से जाना जाता है और अन्नकूट का अर्थ है कि इस मौसम में नए चावल-दाल होते हैं, उनको भगवान के चरणों में अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि गोवर्धन पूजा द्वापर युग से चली आ रही है।

द्वापर युग में कृष्ण भगवान के समय में एक बार आंधी-तूफान आया और सभी व्याकुल हो गए। गाय, बछड़े व ग्वाले इधर-उधर शरण ढूंढने लगे और उस समय भगवान कृष्ण ने अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया और उसके नीचे सबको शरण दी थी। उन्होंने कहा कि भगवान राम और कृष्ण में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ भगवान को भोग लगाया जाता है और दूसरी तरफ गौ माता की पूजा-अर्चना होती है और सभी नए अनाज का भोग गौ ग्रास के रूप में गौ माता को थाली में परोसा जाता है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %